Kurukshetra : भाकियू चढूनी ग्रुप की जन आक्रोश रैली में किसानों ने भरी हुंकार

  • किसानों ने दोनों हाथ उठाकर किसानों को राजनीति में हिस्सा लेने का किया समर्थन
  • बोले जयंत चौधरी : अपनी बात को रखने के लिए संगठन को मजबूत करे किसान
;

Update: 2023-11-23 14:44 GMT

Kurukshetra :  भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप की जन आक्रोश रैली वीरवार को पिपली अनाज मंडी में आयोजित हुई, जिसमें जुटे हजारों किसानों ने राजनीति में आने के लिए हुंकार भरी। रैली में जुटे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के हजाराें किसानों ने दोनों हाथ उठाकर कहा कि किसानों को राजनीति में हिस्सा लेना चाहिए। रैली में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी बतौर मुख्यातिथि पहुंचे। साथ ही उत्तर प्रदेश के कई विधायक भी मौजूद रहे।

रैली में जुटे किसानों को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि अब समय बदल गया है। महिलाओं को आगे आना चाहिए। समय के साथ चलने वाला ही आगे बढ़ सकता है। उन्होंने किसानों से कहा कि अपनी बात को रखने के लिए संगठन को मजबूत करे। भाजपा सरकार बुलेट ट्रेन लेकर आई है, अब किसानों को दिल्ली तक पहुंचने के लिए तूफान मेल तैयार करनी होगी। चौधरी चरण सिंह ने किसानों के आस्तित्व के लिए संघर्ष किया। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अहंकारी बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से जब रोजगार की बात की जाती है तो वे चंद्रयान में बैठाकर चंद्रमा पर भेजने की बात करते है। यदि किसानों ने ठान लिया तो वे भाजपा के सत्ता के अहंकार को दूर कर देंगे। मार्च 2022 की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के सहकारी बैंकों का साढ़े 10 करोड़ बकाया पड़ा है। एनएसएसओ ने सर्वेक्षण कर 2018 में रिपोर्ट जारी की कि देश के एक किसान परिवार पर 74 हजार रुपए का कर्ज है। पिछले 9 महीनों में पूंजीपतियों का साढ़े 14 लाख का कर्जा माफ कर दिया गया। उधर कर्ज के तले दबकर किसान आत्महत्याएं करने को मजबूर हो रहे है लेकिन किसानों का कर्जा माफ नहीं किया गया। उन्होंने किसानों से कहा कि हम अकेले कुछ नहीं कर सकते, इसलिए हमें एकजुट होकर संगठन को मजबूत बनाना होगा।

अमीर और गरीब के बीच की बढ़ रही खाई : चढूनी

भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। गरीबों की जेब से निकला पैसा अमीरों की जेब में जा रहा है। आज 9 लोगों के पास 50 करोड़ लोगों के बराबर प्रॉपर्टी है। कर्ज में लोग मर रहे है और कर्ज माफ पूंजीपतियों का किया जा रहा है। देश में 23 करोड़ लोग दिन में एक समय का खाना खाकर गुजारा कर रहे है। युवा नौकरी की तलाश में विदेश जा रहे है। उन्होंने मंच से किसानों का समर्थन मांगा कि क्या किसानों को राजनीति में हिस्सा लेना चाहिए। इस पर किसानों ने दोनों हाथ उठाकर गुरनाम चढूनी की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी और ये लड़ाई चंद लुटेरों को खिलाफ लड़ी जाएगी।

यह भी पढ़ें - Yamunanagar : एक्टिवा सवार युवक से बरामद हुआ प्रतिबंधित दवाईयों का जखीरा


Tags:    

Similar News