सार्वजनिक संपत्ति तोड़फोड़ करने वालों के विरुद्ध बनेगा कानून, देखें और क्या बोले विज
देर रात तक बैठकें करने के बाद में विज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हरियाणा गृह विभाग ने सार्वजनिक संपत्तियों को तोड़ फोड़ करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए इस बार के बजट सत्र में बिल लाने की तैयारी कर ली है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।;
हरियाणा विधानसभा में इस बार के बजट सत्र में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए बिल आएगा। इस बात की पुष्टि हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कर दी है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जहरीली शराब के मामले में रिपोर्ट आ चुकी है, जिसको कार्रवाई के लिए सीएम के पास भेज दिया गया है।
देर रात तक बैठकें करने के बाद में विज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हरियाणा गृह विभाग ने सार्वजनिक संपत्तियों को तोड़ फोड़ करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए इस बार के बजट सत्र में बिल लाने की तैयारी कर ली है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा लव जिहाद के कानून को मंजूरी दे दी है। अब यह कानून मुख्यमंत्री कार्यालय में चले गए हैं, जहां से इन्हें मंजूरी मिलने के बाद आगामी बजट सत्र में पारित करवाने के लिए पटल पर रखा जाएगा। अनिल विज ने बताया कि सार्वजनिक संपत्ति और निजी संपत्ति में तोड़ फोड़ कानून में जुर्माना लगाने के लिए ट्रिब्यूनल गठन करने का विकल्प रखा गया है। लेकिन सदन की कार्यवाही के दौरान ही देखा जाएगा कि इस पर अंतिम फैसला क्या लिया जाता है, लेकिन ट्रिब्यूनल ही नुकसान संपत्ति की कीमत का निर्धारण करेगा और उसके बाद दोषियों से संपत्ति की लागत वसूली जाएगी।
एसआईटी की रिपोर्ट अध्ययन के बाद में सीएम के पास भेजी
जिस जहरीली शराब की जांच के लिए एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर बवाल हो रहा था, उसकी रिपोर्ट गृह विभाग की ओर से गृहमंत्री विज को सौंप दी गई है। विज ने उक्त रिपोर्ट को मुख्यमँत्री के पास भेज दिया गया है। विज ने शराब घोटाले पर विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने का मुद्दा उठाया था। विज कहना है कि उन्होंने एसआईटी की रिपोर्ट को पूरी तरीके से मंजूर करने की सिफारिश मुख्यमंत्री को कर दी है और इसके बाद में मुख्यमंत्री का विवेक है कि वह इस पर क्या कार्रवाई करेंगे। विज ने कहा कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट अध्ययन के बाद में अतिरिक्त मुख्य सचिव आफिस की ओर से उनके पास भेजी गई थी। जिसके बाद में हमने एसआईटी जांच की रिपोर्ट कार्रवाई के लिए सीएमओ में भेजी है। अब आने वाले वक्त में वहीं से इस पर एक्शन होना है।
डीजीपी को लेकर मतभेद की बात से किया इनकार
हरियाणा के वर्तमान डीजीपी मनोज यादव के विषय को लेकर सीएम से किसी भी तरह के मतभेद होने की बात से इनकार किया है। मुख्यमंत्री से मतभेद होने की खबरों का पूरी तरह से खंडन करते हुए विज ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की हिदायतों के हिसाब से दो साल का वक्त डीजीपी मनोज यादव को दिया गया था। यह दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका, सरकार की हिदायतों के अनुसार नए डीजीपी के चयन के लिए पैनल गठन करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।