जींद में कृषि कानूनों के विरोध में वकीलों ने दिया धरना
अधिवक्ताओं ने तीन कृषि कानून को रद्द करने तथा किसानों के साथ बातचीत करने की मांग से संबंधित राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटीएम होशियार सिंह को सौंपा। साथ ही अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया कि जल्द ही अधिवक्ताओं का शिष्टमंडल दिल्ली बोर्डर पर पहुंचेगा और किसानों का समर्थन करेगा।;
हरिभूमि न्यूज : जींद
जिला बार एसोसिएशन ने तीन कृषि अधिनियम के विरोध में और किसानों के समर्थन में अदालत परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ धरना दिया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तीन कृषि अधिनियम को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की मांग की। बाद में अधिवक्ताओं ने तीन कृषि कानून को रद्द करने तथा किसानों के साथ बातचीत करने की मांग से संबंधित राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटीएम होशियार सिंह को सौंपा। साथ ही अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया कि जल्द ही अधिवक्ताओं का शिष्टमंडल दिल्ली बोर्डर पर पहुंचेगा और किसानों का समर्थन करेगा।
धरने की अध्यक्षता करते हुए जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश गोयत ने कहा कि तीन कृषि अधिनियम के विरोध में किसान पिछले एक माह से दिल्ली बोर्डर पर कड़ाके की ठंड के बीच डेरा डाले हुए हैं। सरकार किसानों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि जब अन्नदाता बेहाल है तो देश खुशहाल कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर तीन कृषि अधिनियम किसानों का हितेषी है तो सरकार किसानों को समझाने में नाकाम क्यों है। उन्होंने साफ कहा कि तीन कृषि अधिनियम में खामी है तो किसान आंदोलन करने को मजबूर है। सही मायने में कृषि अधिनियम किसानों के खिलाफ है। सरकार को चाहिए कि किसानों की भावनाओं को देखते हुए तीन कृषि अधिनियम को तुरंत प्रभाव से निरस्त करे। साथ ही किसानों को तत्काल बातचीत के लिए सरकार बुलाए और आंदोलन को शांत करें। किसान की एमएसपी समेत कई अन्य मांगे हैं, सरकार किसानों को संतुष्ट नहीं कर पा रही है। तीन कृषि अधिनियम पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। जिसे अन्नदाता ही नहीं बल्कि कानून के जानकार भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल प्रभाव से तीन कृषि कानून को रद्द करें। बाद में अधिवक्ताओं ने मांगों से संबंधित ज्ञापन सिटीएम होशियार सिंह को सौंपा। इस मौके पर सचिव दिलाब सिंह, विनोद श्योकंद, चांदराम दूहन, बलबीर ढूल, पूर्व मंत्री कुलबीर सिंह मलिक, पूर्व विधायक रामकिशन बैरागी, जसबीर कुंडू, दयासिंह, अशोक बत्तरा, ईश्वर सिंह, देवेंद्र ढुल, रामरूप चहल, राकेश, विशाल छोटा, देवेंद्र रेढू, देशराज सरोहा समेत काफी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।