सामाजिक संगठन के प्रयासों से मुक्तिधाम ने लिया पार्क का रूप, लोगों कोे आकर्षित करती है मुक्तिधाम की हरियाली

लोहारू स्थित मुक्तिधाम में पौधारोपण के लिए सामाजिक संगठनों द्वारा 2016 में प्रण लिया गया था। ऐसा लगता है उस प्रण को सही साबित कर लिया गया है।;

Update: 2023-01-21 01:30 GMT

लोहारू (चरखी दादरी): कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। जी हां, यह पंक्तियां खरी उतरती है लोहारू के रेलवे लाइन के नजदीक बने मुक्तिधाम पर। जब व्यक्ति की जीवन लीला समाप्त हो जाती है और उसकी अंतिम यात्रा जब मुक्तिधाम तक पहुंचे और वहां कोई सुविधा न हो यह बात कुछ युवाओं के मन को पीड़ा पहुंचती है। इस पीड़ी को महसूस करते हुए मुक्तिधाम में सुधार व व्यवस्थाओं की जिम्मा उठाया लोहारू के सामाजिक संगठन प्रयास एक कोशिश ने। संगठन ने जून 2016 में उत्साही साथियों के सहयोग से मुक्तिधाम में पौधारोपण का संकल्प लिया तथा। इसके साथ ही शुरू हो गया मुक्तिधाम के विकास का शानदार सफर। नगरवासियों, गणमान्य लोगों के सहयोग से मुक्तिधाम के विकास के लिए मुक्तिधाम विकास समिति का गठन किया गया व प्रयास एक कोशिश संगठन के प्रयासों का सफलता मिलने लगी।

400 पौधों की हरियाली में मिलता है लोगों को सुकुन

वर्तमान में मुक्तिधाम में करीब 400 पौधों की हरियाली है,वहीं बिजली के लिए सोलर प्लांट लगाया गया है। पानी की व्यवस्था के लिए यहां बोर किया गया तथा पेयजल के लिए वाटर कूलर भी लगवाया गया है। इतना ही नहीं शव दहन के लिए मुक्तिधाम में लड़कियों की भी व्यवस्था है तथा मुक्तिधाम में देखरेख के लिए गत 6 वर्षा से एक चौकीदार भी सेवा दे रहा है। मुक्तिधाम का हरियाली भरा नजारा देखकर लोग इसे पार्क मानकर यहां सुबह व शाम भ्रमण के लिए आते है तथा दो पल सुकून भरे यहां बीताते है। मुक्तिधाम में बैठने के लिए कुर्सियां भी रखवाई गई है तथा पक्षियों के दाना पानी की व्यवस्था के लिए चबूतरे का निर्माण भी किया गया है। सुबह व सायं के समय पक्षियों की चहचहाहट से यहां का नजारा देखने लायक बन जाता है। मुक्तिधाम में बच्चों के अंतिम संस्कार के लिए अलग से वर्गीकरण किया गया है तथा भविष्य में यहां की चारदीवारी पर चित्रकारी की भी योजना है। मुक्तिधाम में भामाशाहों द्वारा शेड भी लगाए गए है। चौकीदार ओमप्रकाश ने बताया कि मुक्तिधाम में पेड़ पौधों की नियमित देखरेख व पानी डालने के साथ.साथ इसके रखरखव की जिम्मेवारी वे निभा रहे है, इससे उन्हें मानसिक व आत्मिक संतुष्टि मिलती है।

कोशिश प्रयास संगठन की बदौलत मिला भ्रमण स्थल

कहना गलत नहीं होगा कि यह सब प्रयास एक कोशिश संगठन के प्रयास ही है जिनकी बदौलत लोगों में जागरूकता आई तथा उन्होंने इस मुक्तिधाम के विकास के लिए दिन रात एक कर इसे भ्रमण स्थल का रूप प्रदान किया। मुक्तिधाम में बना भव्य पार्क व फूलदार पौधे भी यहां की सुंदरता को चार चांद लगाते है। ध्यान रहे कि नगर के सामाजिक संगठन व अनेकों भामाशाह के सहयोग से अब तक मुक्तिधाम में करीब एक करोड़ के विकास कार्य करवाए जा चुके है तथा व्यवस्था में सुधार का सिलसिला अभी भी जारी है। संगठन के संरक्षक माण् पवन स्वामी ने बताया कि मौत के बाद अंतिम सफर तो मुक्तिधाम में आकर समाप्त होता ही है लेकिन यदि उसी मुक्तिधाम में जीवन के कुछ पल सुकून के बिताने का अवसर मिले तो यह एक सुखद अहसास होता है। उन्होंने मुक्तिधाम के जीणा उद्धार व व्यवस्था के लिए पौधरोपण के साथ बीड़ा उठाया था वह अब साकार रूप ले चुका है तथा इसमें सभी का सहयोग मिला।


Tags:    

Similar News