लोहारू में रेल लाइन पार के आठ गांव नहरी पानी से वंचित, भू जलस्तर भी गहराया, कृषि मंत्री से समाधान की गुहार
हरियाणा के लोहारू में किसानों की समस्या बढ़ती ही जा रही है। रेल लाइन पार के आठ गांव नहरी पानी से वंचित है। इसको लेकर किसान कृषि मंत्री से लगातार समाधान की गुहार लगा रहे हैं।;
हरिभूमि न्यूज : लोहारू: मंत्री जी, आज तक किसी न भी म्हारी कोनी सुनी, म्हारे गाम में नहरी पानी पहुंचा दयो, थारे गुण गावांगे, नहरी पानी न आया तो पीने का पानी भी कोन्या मिलेगा, ये गुहार है लोहारू खंड के आठ गांवों के किसानों की। जी हां, नहरी पानी के अभाव में भू जलस्तर गहराने से लोहारू में रेल लाइन पार बसे आठ गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा, जिससे निकट भविष्य में पेयजल के लाले भी पड़ने की नौबत आ गई है। हालात ये है कि लोहारू खंड के करीब आधा दर्जन से अधिक गांव न केवल नहरी पानी से वंचित है बल्कि इन गांवों में भू जलस्तर भी 500 से 600 फीट तक गहरा चुका है। यहां के लोग अनेक बार प्रदेश सरकार के समक्ष नहरी पानी की मांग करते आ रहे है, परंतु अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है। इस कारण इन गांवों के किसानों के समक्ष सिंचाई के लिए पानी की समस्या गहराती जा रही है।
किसानों ने कहा कि ढ़ाणी अकबरपुर सहित आधा सोंहासड़ा गांव नहरी पानी से वंचित है, ऐसे में निकट भविष्य में सिंचाई के अलावा यहां पेयजल के लाले भी पड़ सकते है। नहरी पानी न होने का मुख्य कारण रेलवे लाइन है जिसकारण पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान भी नहर नहीं बन पाई तथा न ही किसी सरकार ने सुध ली।
विदित रहे कि इन गांवों की करीब पांच हजार एकड़ भूमि के अधिकांश किसान कृषि पर आधारित है तथा करीब 20 हजार की आबादी इन गांवों व ढाणियों में निवास करती है। वर्तमान में यहां के किसान सिंचाई के लिए पूर्ण रूप से नहरी पानी के अभाव में भूमिगत जल पर निर्भर है, जिसके अत्यधिक दोहन से भू जलस्तर भी गहरा गया है। हालात ये है कि अब किसान पानी के लिए बोर भी करवाए तो भी पानी नहीं मिलता, जिससे किसान को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
गांव ढाणी श्यामा के किसान रामानंद ने बताया कि उसने खेत में 4 से 5 बोरवेल बनाए लेकिन किसी में पानी नहीं लगा, यदि किसी में मिला भी तो वह पीने लायक नहीं था। यहां के पानी में टीडीएस की मात्रा भी 1000 से ऊपर है, जबकि जनस्वास्थ्य विभाग के जेई मिताश व कपिल के अनुसार 500 मिलीग्राम से 1000 मिलीग्राम प्रति लीटर टीडीएस एक्सेप्ट एबल है, इससे ज्यादा टीडीएस किसी भी सूरत में ठीक नहीं कहा जा सकता। लोहारू क्षेत्र में भूमिगत जल की गहराई करीब 500 फीट है, यदि इन गांवों में नहरी पानी आता है तो भू जल में सुधार होगा वहीं टीडीएस में भी सुधार होगा क्योंकि नहरी पानी कनाल बेस होता है जो टीडीएस में सुधार करता है। उन्होंने बताया कि ढाणी रहीमपुर व ढाणी श्यामा को शहर की सप्लाई से जोड़ा जा सकता है।
लोहारू व दमकोरा डिस्ट्रीब्यूटरी में करीब 15 रजवाह : जेई कुलदीप
लोहारू नहर विभाग के जेई कुलदीप सिंह ने बताया कि लोहारू खंड में लोहारू डिस्ट्रीब्यूटरी व दमकोरा डिस्ट्रीब्यूटरी है जिनमें करीब 15 रजवाह बने हुए है। लोहारू में रेल लाइन पार आठ गांव हैं, उनमें नहर का पानी नहीं जा रहा है। नहर विभाग द्वारा आजमपुर के पास से एक नहर का खाला निकला है, उसकी एनओसी रेलवे विभाग से मिलनी है जिसके बाद इन गांवों में भी नहरी पानी पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
रेल मंत्रालय से चल रही बात, जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद : कृषि मंत्री
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने इस संबंध में बताया कि ये मामला उनके संज्ञान में है। नहरी पानी के अभाव में किसानों को परेशानी हो रही है। लोहारू क्षेत्र की नहरों में पानी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के बाद उन्होंने ही प्रयास किए तथा पानी भी पहुंचाया है। वे किसान पुत्र है तथा किसानों की दुख तकलीफ को अच्छे से जानते है। इस संबंध में रेल मंत्रालय से बात चल रही है तथा जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। मंजूरी मिलने के बाद इन गांवों को भी नहरी पानी से जोड़ा जाएगा। रेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही इन गांवों में नहरी पानी पहुंचाया जाएगा। किसानों को नहरी पानी के लिए परेशानी नहीं होने दी जाएगी।