गड़बड़झाला : महेंद्रगढ़ सीआईए के हत्थे चढ़ी एक ही नंबर की तीन बसें, दो स्कूल में चल रही व एक सवारी ढो रही
पड़ताल में सच सामने आने के बाद सीआईए से एसआई गोबिंदसिंह की शिकायत पर सिटी थाना में तीन नामजद प्रवीण, मिंटु व नरेश पेंटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी,420,467,468,471,476 के तहत केस दर्ज किया है।;
महेंद्रगढ़। एक ही नंबर की तीन बसें महेंद्रगढ़ की सड़कों पर दौड़ रही थी। गुप्तचरों ने जब इसकी रिपोर्ट सीआईए को दी तो सच्चाई जानने के लिए जांच पड़ताल की। एक के बाद एक बस सामने आने और उनके चेचिस नंबर अलग-अलग होने पर मामला खुलता चला गया। इसमें एक ही नंबरों पर दो बस स्कूल में चलाई जा रही थी। तीसरी बस बुहाना से महेंद्रगढ़ रूट पर सवारी ढोने का काम कर रही थी। पड़ताल में सच सामने आने के बाद सीआईए से एसआई गोबिंदसिंह की शिकायत पर सिटी थाना में तीन नामजद प्रवीण, मिंटु व नरेश पेंटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी,420,467,468,471,476 के तहत केस दर्ज किया है।
सीआईए पुलिस को मुखबरी लगी थी कि एक बस गाड़ी नंबर आरजे23पीए7899 है जो बुहाना से चलकर महेंद्रगढ़ आती है। वह महेंद्रगढ़ में पुराने कोर्ट के पीछे खड़ी हुई है जो दोपहर तीन बजे बुहाना जाएगी। इसके मालिक ने अपनी बस पर किसी दूसरी बस के नंबर लगा रखे है और दूसरी बस के कागजात रख रखे है। इस नंबर की असल बस निजी स्कूल झुक में है। इस स्कूल का मालिक प्रवीण कुमार ने अपने स्कूल में एक बस रंग पीला उस पर भी आरजे23पीए7899 लगा रखा है। अगर फोरी तौर पर आरजे23पीए7899 का चालक मिन्टु वासी जाजड़ियावास को काबू करके अन्य बसों के बारे में पूछे तो वह बता सकता है, इन नंबरों की बस कहां-कहां पर है। इसी सूचना को सही मानकर सीआईए में कार्यरत एसआई गोबिंदसिंह अपनी टीम के साथ पुराना कोर्ट महेंद्रगढ़ पहुंचे। इसी दौरान एक बस सफेद व लाल रंग वहां आकर रूकी। जिसका नंबर देखने पर बस पर आरजे23पीए7899 लिखा हुआ था। चालक को काबू करके नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम मिन्टू वासी जाजड़ियावास बताया। जिस पर बस के कागजात मांगने पर बस की असल आरसी नंबर आरजे23पीए7899 एसआई को पेश की। वहां पर बसों का मैकेनिक बुलाकर बस का इंजन व चेचिस नंबर मिलवाया तो बस का चैचिस नंबर एमएटी386518ए8ई19237 व इंजन नंबर 497टीसी93डीजेडवाई825516 मिला। जो आरसी के अंदर चेचिस नंबर एमएटी453554ईबीजी00736 व इंजन नंबर 497टीसी92जीवीवाई824240 मिला। जो आरसी से भिन्न था। इस इंजन चेचिस का पता करने पर असल रजिस्ट्रेशन नंबर आरजे18पीए3184 है। जिसका असल मालिक अमित कुमार वासी इस्लामपुरा चिड़ावा राजस्थान मिला। जिसने जानबुझ कर अपनी गाड़ी पर गलत नंबर लिखवाया गया था।
पूछताछ करने पर मिन्टु ने बताया कि उसकी इस नंबर की गाड़ी निजी स्कूल झुक में है। वहां प्रवीण से मिलकर स्कूल बस पर भी हमने यह नंबर लिखवा रखे है। दोनों ही बसें निजी स्कूल झुक में है। इसके बाद बस के पास सिपाही जसवीर को छोड़कर एसआई गोबिंदसिंह अपने पुलिस कर्मी के साथ मिन्टु को साथ लेकर निजी स्कूल पहुंचा। वहां पर मैडम संगीता शर्मा मिली। स्कूल के अंदर सफेद व पीले रंग की दो स्कूल बस खड़ी हुई थी। दोनों बसों पर नंबर प्लेट आरजे23पीए7899 लिखा हुआ था। सीआईए टीम ने मैडम से कागजात मांगे तो जवाब मिला कि पति प्रवीण कुमार को पता है, उन्हें नहीं पता। दोनों बसों पर एक नंबर क्यूं लिखा है। इसके बाद सीआईए टीम ने ड्राइवरों का इंतजाम करके दोनों स्कूल बस महेंद्रगढ़ लेकर पहुंची। यहां मिस्त्री की इमदाद से स्कूल बस आरजे23पीए7899 का इंजन व चैचिस चैक करवाने पर चेचिस नंबर एमएटी3865189717513 व इंजन नंबर 26420342000आर मिला। चेचिस नंबर से नाम पता मिलान करने पर बस का असल मालिक आकाश कुमार वार्ड नंबर एक मानपुरा कलाकरी बुहाना राजस्थान मिला। जिसके मुताबिक आरसी इंजन नंबर 497टीसी93एचक्यूजेड839467 मिला। इंजन मुताबिक आरजी बदला हुआ है। आरसी में नहीं चढ़वा रखा। तीसरी स्कूल बस का चैचिस नंबर मिलान करने पर एमएटी453554ईबीजी00736 व इंजन नंबर 497टीसी92वीवाई824240 मिला। बस का असल नंबर आरजे23पीए7899 है। जिसका असल मालिक मिन्टु वासी जाजड़ियावास है। जिसने अपनी एक बस नंबर आरजे23पीए7899 प्रवीण को बेची थी। मिंटु व प्रवीण ने नरेश पेंटर से मिलीभगत एक ही नंबर तीन बसों पर लिखवाएं। इनमें एक बस महेंद्रगढ़ से बुहाना सवारियों में चला रखी थी और दो बस निजी स्कूल में चला रखी है।