आम की मिठास कहीं बिगाड़ ना दे सेहत : महाराष्ट्र व आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों से हरियाणा की मंडियों में बिकने को पहुंच रहा

चिकित्सकों की माने तो इस समय बिकने वाले आम को कैमिकलों की मदद से पकाया जा रहा है। जिससे कई बड़ी बीमारियों की शरीर में दस्तक हो सकती है।;

Update: 2023-05-07 04:06 GMT

भगवान सिंह राणा/यमुनानगर। आंध्रप्रदेश व महाराष्ट्र आदि राज्यों से हरियाणा की मंडियों व बाजारों में बिकने के लिए आ रहे आम की मिठास सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। चिकित्सकों की माने तो इस समय बिकने वाले आम को कैमिकलों की मदद से पकाया जा रहा है। जिससे कई बड़ी बीमारियों की शरीर में दस्तक हो सकती है। लेकिन धड़ल्ले से बाजार में बिक रहे इस कैमिकल युक्त आम पर लगाम लगाने के लिए अभी तक संबंधितक विभाग हरकत में नहीं आया है।

आम की अभी लोकल आवक शुरू नहीं हुई है। बाजार में पहुंचने वाला आम आंध्रप्रदेश व महाराष्ट्र से आ रहा है। लेकिन अन्य प्रदेशों से हरियाणा, दिल्ली व पंजाब जैसे राज्यों की मंडियों में पहुंचने वाले इस आम को पहले खासतौर पर तैयार किया जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। इस आम को लुभावना रंग देने व पकाने के लिए खरतनाक कैमिकलों का प्रयोग किया जा रहा है। जिससे यह कच्चा आम न केवल तेजी से पककर तैयार हो जाता है बल्कि आम में गाढ़ा पीला रंग भी चढ़ जाता है। चिकित्सकों की माने तो इस प्रकार पकाकर बाजार में बेचा जाने वाला यह आम शरीर में कई प्रकार की घातक बीमारियों को न्यौता देता है। शरीर का नर्वस सिस्टम इन कैमिकलों से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। वहीं पेट की कई गंभीर बीमारियों को भी बढ़ावा मिलता है। इतना ही नहीं अगर लंबे समय तक यह कैमिकल शरीर के संपर्क में रहे तो कैंसर जैसी बड़ी बीमारी भी शरीर में दस्तक दे सकती है।

कैमिकल से पके आम को खाने से बचें

शहर के वरिष्ठ चिकित्सक एवं पूर्व सीएमओ डॉ. विजय दहिया का कहना है कि बाजार में इन दिनों आने वाले आम में कैमिकल लगे होने की संभावना बनी रहती है। इसके संपर्क में आने से आदमी को पेट संबंधि बीमारियांं, डायरिया व अन्य रोग हाने की संभावना बन जाती है। उन्हाेंने बताया कि कैमिकल के बिना पका हुआ आम ही खाना चाहिए। ताकि स्वास्थ्य को कोई नुकसान ना हो। आम खरीदते समय यह देख लेना चाहिए कि यह कहीं कैमिकल द्वारा पकाया हुआ तो नहीं है। यदि आम खाना है तो उसे अच्छी प्रकार से धोकर व छिलका उतारकर खाना चाहिए।

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