चौटाला राज में चयनित HCS अधिकारियों को हटाने के मामले पर हाईकोर्ट में फिजिकल मोड में होगी सुनवाई
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए मुख्य सचिव के हलफनामे का हवाला देकर कोर्ट को बताया कि 2004 की भर्ती की सभी अधिकारियों की सेवा समाप्त करने का सरकार ने निर्णय लिया है;
साल 2004 में चयनित एचसीएस अधिकारियों ( HCS Officers ) के मामले की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान शुक्रवार को याची पक्ष की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ( High Court ) से आग्रह किया गया कि इस मामले की सुनवाई तब भी की जाए जब कोर्ट फिजिकल मोड में हो। हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण मोंगा ने सभी पक्षों की सहमति पर केस को उस तिथि के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया जिस दिन कोर्ट फिजिकल मोड में केस की सुनवाई करे।
सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए मुख्य सचिव के हलफनामे का हवाला देकर कोर्ट को बताया कि 2004 की भर्ती की सभी अधिकारियों की सेवा समाप्त करने का सरकार ने निर्णय लिया है और सेवा नियमों के तहत सबको कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा 27 फरवरी 2016 को हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर नियुक्ति दी गई थी। तब 38 उम्मीदवारों में से 23 को एचसीएस (कार्यकारी शाखा) के पद पर नियुक्ति दी गई थी, जिसमें से 19 एचसीएस (कार्यकारी शाखा) के रूप में कार्यरत हैं और दो उम्मीदवारों को डीएसपी के पद पर नियुक्ति के लिए अनुशंसित किया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के राज में चयनित 102 एचसीएस अधिकारियों में से 38 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने ज्वाइनिंग दी थी। तब 23 एचसीएस व एचसीएस एलाइड सेवा के अधिकारियों ने ज्वाइन किया था, लेकिन अब 21 ही कार्यरत हैं। बाकी अधिकारियों ने अलग-अलग कारणों से प्रदेश सरकार की सेवाओं को ज्वाइन नहीं किया था। ओमप्रकाश चौटाला के राज में हुई इस भर्ती के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार आई। तब हुड्डा ने इन एचसीएस अफसरों को ज्वाइनिंग नहीं दी और जांच बैठा दी थी। पानीपत के तहसीलदार डा. कुलदीप मलिक समेत 22 चयनित एचसीएस उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में केस दायर कर रखा है कि जब 38 एचसीएस को ज्वाइनिंग के लिए सरकार तैयार थी तो उसी तर्ज पर बाकी एचसीएस को भी ज्वाइन करना चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि वह 38 एचसीएस को नौकरी से हटाएगी या फिर बाकी चयनित 64 एचसीएस को नौकरी ज्वाइन कराई गई, जिस पर प्रदेश सरकार ने हलफनामा कोर्ट में दायर किया ।