महम ड्रेन खतरे के निशान पर, कभी भी टूट सकते हैं तटबंध, किसान चिंतित

किसानों का कहना है कि कल हुई तेज बारिश के बाद ड्रेन में पीछे से ज्यादा पानी आ गया है और भिवानी ड्रिस्ट्रीब्यूटरी नहर पर लगाए गए पंप अभी तक चालू नहीं हुए हैं। ड्रेन का प्राकृतिक बहाव न होने की वजह से ड्रेन के पानी को नहर में पंप लगाकर डाला जाता है;

Update: 2022-07-23 05:26 GMT

हरिभूमि न्यूज : महम

अधिकारियों की लापरवाही के चलते बरसात के दिनों में महम ड्रेन कई गांवों के लोगों के लिए तबाही बनकर आती है। इस ड्रेन की लेवलिंग व साफ सफाई ठीक से न होने और ड्रेन के पानी की समय पर नहर में लिफ्टिंग न किए जाने की वजह से हर साल ड्रेन ओवरफ्लो होकर जगह जगह टूट जाती है। जिसका नतीजा यह होता है कि महम क्षेत्र के गांव बहलबा, खरकड़ा, भराण, अजायब व गंगानगर समेत अनेक गांवों के रकबे में पानी हिलारे मारने लगता है। ड्रेन टूटने से जहां खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो जाती हैं, वहीं इन गांवों की बस्तियों में भी पानी भर जाता है।प्रशासन द्वारा यह ड्रेन जनता को राहत देने के लिए निकाली गई थी, लेकिन अब हर साल यह आफत बनकर आती है।

किसानों का कहना है कि कल हुई तेज बारिश के बाद ड्रेन में पीछे से ज्यादा पानी आ गया है और भिवानी ड्रिस्ट्रीब्यूटरी नहर पर लगाए गए पंप अभी तक चालू नहीं हुए हैं। ड्रेन का प्राकृतिक बहाव न होने की वजह से ड्रेन के पानी को नहर में पंप लगाकर डाला जाता है। लेकिन पंप बंद पड़े हैं, जिस कारण ड्रेन के पानी की निकासी आगे न होने की वजह से अब ड्रेन ऑवर फ्लो होने वाली और कभी भी इसके तटबंध टूट सकते हैं। किसानों को अब उनकी फसलें बर्बाद होने की चिंता सताने लगी है। बहलबा गांव के किसान सतबीर सिंह, जयभगवान, मोती राम व राममेहर सिंह का कहना है कि यदि ड्रेन टूट गई तो गांव की बस्तियां भी पानी में डूब जाएंगी। 

तटबंधों को मजबूत किया जाएगा : तहसीलदार

ड्रेन टूटने की आशंका के चलते महम के तहसीलदार मदन लाल और सिंचाई विभाग के एसडीओ अशोक बंसल ने महम ड्रेन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि लेबर को मौके पर बुलाया गया है। जल्द ही तटबंधों को मजबूत किया जाएगा। जेसीबी मशीनें लगाकर ड्रेन की सफाई करवाई जाएगी।

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