Haryana के लाखों किसानों को मिलेगी राहत, सरकार ने लिया ये फैसला

उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला Deputy Chief Minister (Dushyant Chautala ने कहा कि लॉकडाउन के बाद आई मंदी के इस दौर में प्रदेश सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी 2,000 रुपए से कम करके मात्र 100 रुपए करने का निर्णय लिया है। इससे किसानों की जेब पर आर्थिक बोझ कम होगा और मंदी से उबरने में किसानों को मदद मिलेगी।;

Update: 2020-07-13 06:11 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला Deputy Chief Minister (Dushyant Chautala) ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों (Farmers) के हित में कई अहम कदम उठा रही है ताकि वे 'आत्मनिर्भर भारत' की एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकें। उन्होंने ऋण लेते समय ली जाने वाली स्टाम्प ड्यूटी (Stamp duty) घटाने को राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाया गया बड़ा फैसला बताते हुए कहा कि इससे प्रदेश के लाखों छोटे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बाद आई मंदी के इस दौर में प्रदेश सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी 2,000 रुपए से कम करके मात्र 100 रुपए करने का निर्णय लिया है। इससे किसानों की जेब पर आर्थिक बोझ कम होगा और मंदी से उबरने में किसानों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहले सहकारी और सरकारी बैंकों से ऋण लेने के लिए प्रत्येक किसान को स्टाम्प डयूटी के रूप में 2,000 रुपए देने पड़ते थे। इस स्टाम्प ड्यूटी को कम करने के लिए लंबे समय से किसानों की मांग चली आ रही थी, जिसको राज्य सरकार ने पूरा कर दिया है।

उप-मुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला ने सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए एक और निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि पहले ब्याज मुक्त ऋण सुविधा केवल सहकारी संस्थाओं से लिए गये ऋणों पर उपलब्ध थी और इसकी सीमा 1.5 लाख रुपये थी। परंतु वर्तमान राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि ब्याज मुक्त ऋणों की सुविधा उन किसानों को भी मिलेगी जो किसी भी राष्ट्रीयकृृत बैंक या सहकारी बैंक से प्रति एकड़ 60 हजार रुपये तक का, या अधिकतम 3 लाख रुपये तक का फसली ऋण लेते हैं। उन्होंने बताया कि किसान इस सुविधा का लाभ निर्धारित समय पर ऋण की अदायगी करके, 'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर, लिए गये सभी सहकारी ऋणों को घोषित करके उठा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि खरीद एजेंसी द्वारा फसल के खरीद मूल्य में से ऋण की अदायगी सीधे उस संस्था के खाते में जमा करवाई जाएगी, जिससे किसान ने ऋण लिया हुआ है 

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