रेवाड़ी : परिवेदना समिति की बैठक में मंत्री ने छुड़ाए अफसर के पसीने, जानें क्या हुआ

परिवादी ने जब डीडीपीओ के जवाब के बदले बताया कि यह एफआईआर 4 साले पहले दर्ज कराई गई थी, तो मंत्री का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने डीसी अशोक कुमार गर्ग को निर्देश दिए कि इस अधिकारी की वह स्वयं जांच करें। आवश्यकता पड़े तो उसे सस्पेंड कर दें। लगभग 10 मिनट के अंतराल में अफसर को कई बार मंत्री की डांट का सामना करना पड़ा।;

Update: 2022-06-29 11:56 GMT

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

केएलपी कॉलेज में बुधवार को हुई जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की बैठक में अपनी खाल बचाने के लिए चार साल पहले दर्ज कराई गई एफआईआर का हवाला देकर डीडीपीओ एचपी बंसल मंत्री के निशाने पर आ गए। परिवादी ने जब डीडीपीओ के जवाब के बदले बताया कि यह एफआईआर 4 साले पहले दर्ज कराई गई थी, तो मंत्री का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने डीसी अशोक कुमार गर्ग को निर्देश दिए कि इस अधिकारी की वह स्वयं जांच करें। आवश्यकता पड़े तो उसे सस्पेंड कर दें। लगभग 10 मिनट के अंतराल में अफसर को कई बार मंत्री की डांट का सामना करना पड़ा।

जाटूसाना निवासी नरेश कुमार की ओर दायर 6 नंबर परिवाद छठी बार मंत्री के समक्ष परिवेदना समिति की बैठक में गूंजा। परिवादी ने बताया कि उन्होंने गांव के सरपंच पर गबन के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। पंचायत अधिकारी जांच के नाम पर लगातार गुमराह कर हैं। नरेश के परिवाद पर सुनवाई करते हुए जब बैठक की अध्यक्षता कर रहे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश ने जब डीडीपीओ से जवाब मांगा, तो डीडीपीओ ने बताया कि सरपंच के खिलाफ गबन की एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। डीडीपीओ के जवाब पर परिवादी ने तत्काल कहा कि डीडीपीओ उस एफआईआर का जिक्र कर रहे हैं, जो वर्ष 2018 में दर्ज कराई गई थी। उसकी शिकायत से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद मंत्री ने डीडीपीओ से सवाल किया, तो डीडीपीओ बंसल सकपका गए। मंत्री ने तुरंत डीसी कहा कि यह अफसर गुमराह कर रहा है। इससे पूरे परिवाद की रिपोर्ट लो। जरूरत पड़े तो इसे सस्पेंड कर दो। इसके बाद अधिकारी के माथे पर पसीना आ गया।


फुल एक्शन मोड में एमएलए लक्ष्मण

बैठक में थोड़ा देरी से पहुंचे कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने भी लोगों के परिवादों का निपटरा करने में देरी पर संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। परिवाद सुनने में मंत्री का खुला साथ देते हुए लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि अधिकारी अगर इन परिवादों को निपटाने में गंभीरता दिखाएं तो लोगों को बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़े। कई परिवाद बैठकों में बार-बार दोहराए जाते हैं। इससे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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