भागकर शादी रचाने वाली नाबालिग लड़की हाईकोर्ट में की गई पेश, बोली - अब प्रेमी के साथ नहीं रहना चाहती
प्रेमी ने अपनी 14 साल की नाबालिग प्रेमिका का नाम बदलकर न केवल उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया था, बल्कि उसे 19 साल की दिखाकर हाईकोर्ट से सुरक्षा के आदेश भी हासिल कर लिए थे।;
जिस लड़की की हरियाणा पुलिस को पिछले सात महीने से तलाश थी, वह हाई कोर्ट की सख्ती पर 10 दिन के भीतर ढूंढकर कर पुलिस ने हाई कोर्ट के जज के सामने पेश कर दी। लड़की ने जज के सामने बयान दिया कि वह उसने मोहम्मद के साथ निकाह किया था लेकिन वह अब अपने परिजनों के साथ जाना चाहती है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मोहम्मद को बच्चों के पोक्सो एक्ट (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण ) के तहत हिरासत में ले लिया है व कानून के अनुसार जांच जारी है। लड़की के बयान पर कोर्ट ने लड़की की कस्टडी मां-बाप को देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया व पुलिस को कहा कि वो कानून के अनुसार इस मामले में कार्रवाई करे।
इस मामले में प्रेमी ने अपनी 14 साल की नाबालिग प्रेमिका का नाम बदलकर न केवल उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया, बल्कि उसे 19 साल की दिखाकर हाईकोर्ट से सुरक्षा के आदेश भी हासिल कर लिए थे। लड़की के पिता की शिकायत पर जांच की गई तो आधार कार्ड फर्जी निकला। इसके बाद कोर्ट ने लड़की की कस्टडी एसपी नूंह को देते हुए उसे बालगृह गुसबेठी (मेवात) में रखने का आदेश दिया। लड़का फिर लड़की को बाल गृह से भगा कर ले गया और पुलिस देखती रह गई। सरकारी आश्रय स्थल से लड़की के गायब हो जाने के सात माह बाद भी उसका पता नहीं चला, जिसके बाद हाई कोर्ट ने चेतावनी जारी की थी। इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि लड़की ने अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ आरोपित से शादी की थी। यह मामला तब सामने आया, जब नूंह निवासी व्यक्ति ने दिसंबर 2020 में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी बेटी को तलाश करने और लड़के के कब्जे से रिहा करने के निर्देश देने की मांग की थी।
हाई कोर्ट के निर्देश पर लड़की को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था, जिसमें उसने अपने पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया और लड़के के साथ रहने की बात कही। हाई कोर्ट ने जब लड़की के आधार कार्ड की जांच करवाई तो वह फर्जी मिला व उम्र की जांच करने के बाद लड़की 14 वर्ष की पाई गई। इस पर हाई कोर्ट ने माना कि लड़का संबंधित लड़की को साथ रखने का हकदार नहीं है। 23 दिसंबर 2020 को हाई कोर्ट ने लड़की की हिरासत एसपी नूंह को सौंप दी, ताकि उसे बाल गृह गुसबेठी (मेवात) में रखा जा सके। लेकिन जब मामला 12 फरवरी को हाई कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आया तो कोर्ट को सूचित किया गया कि लड़के ने बाल गृह से लड़की का अपहरण कर लिया है। कई बार की सुनवाई पर एसपी नूंह ने हाई कोर्ट को भरोसा दिलाया कि लड़की का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। नूंह पुलिस द्वारा लड़की का पता लगाने में असफलता पर हाई कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक नूंह और एसएचओ पुन्हाना को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह लड़की का पता लगा कर उसे कोर्ट के समक्ष पेश करें या खुद दोनों कोर्ट के समक्ष पेश होकर जवाब दें।