धान खरीद में करोड़ों की हेराफेरी : करनाल और तरावड़ी की अनाजमंडी के सचिव Suspend
धान की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही करनाल की दो मंडियों में धान खरीद में करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है, मामला सामने आते ही करनाल नई अनाजमंडी के सचिव हकीकत राय व तरावड़ी अनाजमंडी के सचिव मोहित को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।;
हरिभूमि न्यूज : करनाल
धान की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही करनाल की दो मंडियों में धान खरीद में करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है, मामला सामने आते ही करनाल नई अनाजमंडी के सचिव हकीकत राय व तरावड़ी अनाजमंडी के सचिव मोहित को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार करनाल व तरावड़ी की मंडियों में मार्केटिंग बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी विनय यादव व निहाल सिंह ने जांच की थी। जांच रिपोर्ट में हेराफेरी पाए जाने के चलते दोनों सचिवों को सस्पेंड कर जांच बैठा दी गई।
इन सचिवों पर आरोप लगाए गए हैं कि धान की वैरायटी 1509 की खरीद कच्ची पर्चियों पर खरीदी जा रही थी, जिसके चलते सरकार को प्रति दिन लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा था। कच्ची पर्चियों पर धान खरीद की शिकायते मार्केटिंग बोर्ड के आला अधिकारियों के समक्ष पहुंची तो जांच टीम गठित कर मंडियों में चैकिंग की। चैकिंग में पाया गया कि करनाल के कुटैल दो मिलों में कच्ची पर्चियों पर खरीदा गया धान पाया गया।
करनाल की मंडियों में चलता है धान खरीद के नाम खेल
करनाल की नई अनाजमंडी सहित कई अन्य मंडियों में धान के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा चलता है। मंडियों में धान आए बिना ही बिकने तक के मामले सामने आ चुके हैं। धान खरीद के भ्रष्टाचार में खरीद एजेंसियों, मंडी के अधिकारियों सहित राइस मिलरों का पूरा नेटवर्क प्लानिंग के तहत कार्य कर सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान करते हैं।
1509 धान की वैरायटी में भ्रष्टाचार का खेल
ऐसा नहीं है कि करनाल की मंडी में खरीद में भ्रष्टाचार का ये पहला मामला हो, ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। कच्ची पर्चियों पर धान खरीदकर मार्केट फीस की चोरी कर सम्बधित अधिकारी-कर्मचारी जेबे भर रहे हैं। कई राइस मिल भी सीधे तौर पर भ्रष्टाचार में संलप्ति हैं। अगर मामले की जांच नष्पिक्ष तरीके से हो तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा।
एक नवंबर से होगी धान की सरकारी खरीद
प्रदेश सरकार एक नवंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू करेंगी, जबकि पहले 25 सितम्बर को धान की सरकारी खरीद शुरू होने थी। लेकिन किन्हीं कारणों से धान की सरकारी खरीद को आगे बढ़ा दिया हालांकि राइस मिलर व आढ़ती धान की सरकारी खरीद 20 सितम्बर से शुरू करवाने की मांग कर रहे थे। आढ़तियों व राइस मिलरों का कहना था कि अब धान की ऐसी वैरायटियां आ चुकी हैं, जो अपने समय से 10 से 15 दिन पहले पक जाती हैं। अब जबकि पीआर धान की फसल लगभग पककर तैयार हो चुकी है। इसलिए धान की सरकारी खरीद 20 सितम्बर से शुरू की जाए।