कुलदीप बिश्नोई : नायक या खलनायक! अजय माकन की जीत में रोड़ा बने विधायक की चर्चा हर जुबान पर, कांग्रेस के सभी पदों से सस्पेंड
कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की हार में कुलदीप नायक हुए या खलनायक। ग्रामीण और शहरी हलकों में इसको लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया थी। इसके साथ ही लोगों की चर्चा में कुलदीप का एक हफ्ते पहले दिया उनका बयान भी केंद्रबिंदु में था कि वह पार्टी की बजाए 'अंतरात्मा की आवाज' पर राज्यसभा चुनाव में वोट देंगे।;
डॉ. अनिल असीजा : हिसार
'फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते। सुप्रभात। कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने शनिवार सुबह अपने ट्विटर हैंडल पर जब यह यह ट्वीट किया तो सुप्रभात के इस अंदाजसे उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के सीने पर सांप लौट गए। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ लोगों को यह समझने में देर नहीं लगी कि कुलदीप का यह ट्वीट राज्यसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की हार को लेकर था। कुलदीप ने बेशक खुले तौर पर स्वीकार नहीं किया मगर चर्चा जोरों पर थी कुलदीप की क्रॉस वोटिंग की वजह से अजय माकन की राज्यसभा चुनाव में हार हुई। कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की हार में कुलदीप नायक हुए या खलनायक। ग्रामीण और शहरी हलकों में इसको लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया थी। इसके साथ ही लोगों की चर्चा में कुलदीप का एक हफ्ते पहले दिया उनका बयान भी केंद्रबिंदु में था कि वह पार्टी की बजाए 'अंतरात्मा की आवाज' पर राज्यसभा चुनाव में वोट देंगे।
कुछ लोगों का मानना है कि कुलदीप अपनी पार्टी में बागी इसलिए हुए कि वह अपने स्वर्गीय पिता के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भूपेंद्र सिंह हुड्डा से कथित तौर पर बदला लेना चाहते थे। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि साल 2005 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जब बहुमत मिला। तब कुलदीप अपने पिता के दोबारा सीएम बनने को लेकर आश्वस्त थे क्योंकि भजनलाल के साथ अधिकतर कांग्रेस के विधायक थे। कुलदीप अपने पिता को सीएम बनाने के लिए दिल्ली भी पहुंच गए थे कि इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तत्कालीन पार्टी के कद्दावर नेताओं की मदद से अनेक पार्टी विधायकों को अपने पक्ष में कर लिया और सीएम की कुर्सी उन्हें मिल गई। इसके कुलदीप ने कांग्रेस से अलग होकर हजकां का गठन किया। साल 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में के बाद हुड्डा एक बार फिर कुलदीप बिश्नोई पर भारी पड़े और हजकां के पांच विधायकों को हुड्डा ने अपने पक्ष में एक बार फिर सीएम बन गए।
तकदीर एक फिर कुलदीप से रूठी जब डेढ़ माह पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष में नाम फाइनल हुआ। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की रेस में कुलदीप खुद को आगे मान रहे थे कि अंतिम समय में हाइकमान ने चौधरी उदयभान को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। उदयभान को अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला बेशक पार्टी हाइकमान का था मगर कुलदीप दबी जुबान में अपने समर्थकों से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को उन्हें प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे। कुलदीप के बयानों में खुद के चार बार के आदमपुर विधायक बनने तथा दो बार भिवानी तथा हिसार के लोकसभा सांसद होने पर भी अपने से कम सियासी अनुभव रखने वाले लीडर को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने का मलाल था। सियासी हलकों में चर्चा है कि राज्यसभा चुनाव में अगर अजय माकन जीत जाते तो पार्टी हाइकमान की नजरों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा हीरो बन सकते थे। ऐसे में कुलदीप तथा पूर्व सीएम हुड्डा से सियासी लड़ाई में अजय माकन राज्यसभा चुनाव में चारों खाने चित्त हो गए और भाजपा-जजपा समर्थित निदर्लीय कार्तिकेय शर्मा बाजी मार ले गए।
कुलदीप समर्थक खुश, माकन बोले, कुलदीप पर कार्रवाई हो
कुलदीप के एक के बाद एक ट्वीट तथा रीट्वीट पर कुलदीप समर्थकों का कहना है कि उनके नेता का कांग्रेस के खिलाफ मुखर होना जायज है। पूर्व निगम पार्षद पंकज दीवान का कहना है कि कांग्रेस में पुराने नेताओं की उपेक्षा की जाएगी तो उनका पार्टी में दम घुटेगा और दर्द खुलकर सामने आएगा। वहीं, चुनाव परिणाम आने पर अजय माकन ने अपनी हार के लिए कुलदीप को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना था कि वोटिंग में कुलदीप ने जो किया उसके लिए हरियाणा की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। इसके साथ ही उन्होंने हाइकमान से कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
कुलदीप करते रहे ट्वीट और रीट्वीट
शनिवार सुबह 7:24 बजे कुलदीप बिश्नोई ने पहला ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें सांप का फन कुचलने का हुनर आता है। इसके करीब एक घंटे बाद उन्होंने रीट्वीट कर लिखा, 'सही वक्त पर लिया गया फैसला ही इंसान को औरों से अलग करता है। फिर ट्वीट आया, 'इतिहास लिखने के लिए कलम नहीं, हौंसलों की जरूरत होती है।' फिर लिखा, 'कितने नादान हैं शहर के जुगनूं, मिलकर कहते हैं कि सूरज को उगने नहीं देंगे।' इसके एक दिन पहले शुक्रवार को उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने भी ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'हम समन्दर हैं, हमें खामोश रहने दो, जरा मचल गए तो शहर ले डूबेंगे। पहले ट्वीट के एक घंटे बाद कुलदीप ने रिट्वीट करते हुए लिखा, 'फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते।
कांग्रेस ने सभी पदों से हटाया
आखिरकार राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के हाई प्रोफाइल और हाईकमान उम्मीदवार अजय माकन की हार के बाद कांग्रेस में क्लेश ही क्लेश नजर आ रहा है । पार्टी के अंदर पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय यादव के साथ साथ नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत दर्जनों नेताओं द्वारा कुलदीप बिश्नोई को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने और क्रॉस वोटिंग का आरोप लगने के बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस से निष्कासित करने का पत्र जारी कर दिया है। बीती रात से ही कुलदीप बिश्नोई पर गाज गिरने के संकेत मिल रहे थे और बिश्नोई भी कांग्रेस हाईकमान से नाराज चले आ रहे हैं। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने हरियाणा कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी वह पार्टी में उन्हें दिए गए पदों से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी हाईकमान की ओर से जारी पत्र में कुलदीप बिश्नोई को विशेष आमंत्रित सदस्य ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी पद से भी मुक्त करने की सूचना दी गई है। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से उन को निष्कासित करने के साथ-साथ विधानसभा सदस्यता रद्द कराने के लिए हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को पत्र भेजा जाएगा।