Monsoon Update : मानसून के पहले पखवाड़े में हरियाणा में 8 % कम बारिश, सबसे ज्यादा इस जिले में

औसतन तौर पर जुलाई के पहले पखवाड़े में 117.7 एमएम बारिश होती है। इस मानसून सीजन में 108.4 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है।;

Update: 2022-07-16 12:58 GMT

सतेंद्र पंडित : जींद

हरियाणा में मानसून को दस्तक दिए एक पखवाड़ा हो चुका है। बारिश के आसार लगभग हररोज बन रहे है लेकिन खुलकर बारिश नहीं हो रही है। पहले पखवाडे में आठ प्रतिशत कम बारिश हुई है। औसतन तौर पर जुलाई के पहले पखवाड़े में 117.7 एमएम बारिश होती है। इस मानसून सीजन में 108.4 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। बारिश के मामले में पंचकुला एक मात्र ऐसा जिला है जहां बारिश औसतन हुई है। पहले पखवाड़े में पंचकुला में 225 एमएम बारिश होती है, इस मानूसन सीजन में पंचकुला में 226.1 एमएम बारिश अब तक हुई है। जबकि झज्जर में औसतन से 77 प्रतिशत 'यादा बारिश हुई है। यहां पर औसतन 95.2 एमएम बारिश पहले पखवाड़े में होती थी, इस बार 168.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है।

बिखराव में हो रही बारिश, झड़ी लगे तो बने बात

मानसून ने 30 जून को दस्तक दी थी, दस जुलाई तक मौसम शुष्क बना रहा। मानसून की सक्रियता से आस जागी तो यहां पर भी मानसून दगा दे गया। एक साथ बारिश होने की बजाए अलग-अलग इलाकों में बिखराव के साथ बारिश हुई। जबकि मानसून सीजन में एक साथ बारिश होती रही है। जिससे तापमान में भी गिरावट आती रही। बावजूद इसके इस मानसून सीजन के पहले पखवाडा में तापमान में 'यादा गिरावट भी नहीं आई। मौसम भी उमसभरा बना हुआ है। अब झडी लगे तो उमस तथा गर्मी से कुछ राहत मिले और बिजी गई फसलों को भी फायदा मिले।

पंचकूला में औसतन बारिश तो झज्जर में सबसे ज्यादा बारिश

मानसून सीजन के पहले पखवाडा में पंचकुला में औसतन 225 एमएम बारिश होती है, इस सीजन में 226.1 एमएम बारिश हुई है। जबकि झज्जर जिले में औसतन 95.2 एमएम बारिश पहले पखवाड़े में होती थी, इस बार 168.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जो 77 प्रतिशत अधिक है। जबकि जींद में औसतन 121.2 एमएम बारिश होती है इस बार 117.5 एमएम बारिश हुई है जो तीन प्रतिशत कम हुई है। जबकि अम्बाला में औसतन 250.7 बारिश होती है, इस बार 174.1 एमएम बारिश हुई है। भिवानी में 84.4 एमएम बारिश होती है इस बार 47.9 एमएम बारिश हुई है जो 43 प्रतिशत कम है। गुरुग्राम में 121.9 एमएम बारिश होती है इस बार 81.5 एमएम बारिश हुई है जो 33 प्रतिशत कम है। करनाल में 169.9 एमएम बारिश होती है इस बार 115.7 एमएम बारिश हुई है जो 32 प्रतिशत कम है। सोनीपत में 125 एमएम बारिश होती है इस बार 98 एमएम बारिश हुई है जो 22 प्रतिशत कम है। युमनानगर में 252.7 एमएम बारिश होती है इस बार 215.1 एमएम बारिश हुई है जो 15 प्रतिशत कम है। रेवाडी में 113.2 एमएम बारिश होती है इस बार 100.5 एमएम बारिश हुई जो 11 प्रतिशत कम है। मेवात में 111.3 एमएम बारिश होती है इस बार 15 प्रतिशत कम हुई है। हिसार में 84.3 एमएम बारिश होती है इस बार 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है। फतेहाबाद में 17 प्रतिशत बारिश कम हुई है।

इन आठ जिलो में हुई औसत से ज्यादा बारिश

मानसून के पहले पखवाडा में चरखीदादरी में सात एमएम बारिश ज्यादा हुई है। यहां पर औसतन 110.2 एमएम बारिश होती थी, इस बार यहां पर 118.3 एमएम बारिश हुई है। चरखीदादरी में सात प्रतिशत 'यादा बारिश हुई है। झज्जर में 77 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। कैथल में 18 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। कुरूक्षेत्र में 24 प्रतिशत तथा महेंद्रगढ में 15 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। पानीपत में पांच प्रतिशत, रोहतक में नौ प्रतिशत, सिरसा में 15 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि मैट्रोलोजी सेंटर चंडीगढ के अनुसार पहले पखवाड़े में 117.7 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। इस बार 108.4 एमएम बारिश पहले पखवाड़े में दर्ज की गई है जो आठ प्रतिशत कम है।

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