Sansad Nidhi : सांसद निधि खर्च करने में सांसद धर्मबीर सिंह और राज्यसभा सांसद डीपी वत्स सबसे आगे, दीपेन्द्र हुड्डा और रामचन्द्र जांगड़ा सबसे पीछे
पिछले कई अरसे से प्रदेश में अभी तक सांसद निधि के शतप्रतिशत उपयोग न होने से विकास कार्यो को पूरा करने के दावों पर भी सवाल खड़े होते रहे हैं। प्रदेश के लोकसभा सांसदों को जारी 67 करोड़ रुपये की सांसद निधि में अभी तक करीब 30 करोड़ रुपये यानि 44.06 फीसदी सांसद निधि इस्तेमाल की जा सकी है जबकि राज्यसभा के सांसदों को जारी 33 करोड़ की सांसद निधि का 59.20 फीसदी हिस्सा खर्च किया गया है।;
ओ.पी. पाल : रोहतक
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिए सांसद निधि की धनराशि खर्च करने में लोकसभा सांसद धर्मबीर सिंह और राज्यसभा सांसद डीपी वत्स सबसे आगे हैं, जबकि लोकसभा सांसद कृष्णपाल गुर्जर और राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा और रामचन्द्र जांगड़ा सबसे फिसड्डी हैं। फिलहाल सूबे में दस लोकसभा और पांच राज्यसभा सांसदों को जारी हुई 100 करोड़ रुपये की सांसद निधि है, जिसको खर्च करने के लिए 94.20 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनुमानित लागत की तेरह क्षेत्र की विकास योजनाओं के दो हजार से ज्यादा कार्य करने की दरकार है। पिछले कई अरसे से प्रदेश में अभी तक सांसद निधि के शतप्रतिशत उपयोग न होने से विकास कार्यो को पूरा करने के दावों पर भी सवाल खड़े होते रहे हैं। प्रदेश के लोकसभा सांसदों को जारी 67 करोड़ रुपये की सांसद निधि में अभी तक करीब 30 करोड़ रुपये यानि 44.06 फीसदी सांसद निधि इस्तेमाल की जा सकी है जबकि राज्यसभा के सांसदों को जारी 33 करोड़ की सांसद निधि का 59.20 फीसदी हिस्सा खर्च किया गया है।
प्रदेश से सत्रहवीं लोकसभा में निर्वाचित हुए दस सांसदों ने अपने अपने संसदीय क्षेत्रों के लिए 125 करोड़ रुपये के कार्यो की सिफारिश की है, जिसमें करनाल के सांसद संजय भाटिया ने सर्वाधिक 17 करोड़ रुपये का हक जताया है, जिसमें उन्हें दस करोड़ रुपये इस योजना के लिए जारी किये गये हैं। जबकि अन्य सभी को 12-12 करोड़ रुपये की निधि मिलनी है।
इस योजना से उद्देश्य और दिशानिर्देशों से स्पष्ट है कि सांसद अपने क्षेत्र के विकास से जुड़े कार्यों पीने के पानी, शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ सड़कों के निर्माण की सिफारिश कर सकते हैं। इसका बिल्कुल यह मतलब नहीं हुआ कि यह पैसा सांसदों के खाते में जाता है और वह अपने हिसाब से खर्च करते हैं। सरकार के स्तर पर उनकी सिफारिश स्वीकार की जाती है और सरकार प्रशासनिक अमला उसे क्रियान्वित करता है।
कोरोना काल में रहे खाली हाथ
कोरोना के कारण साल 2020-21 के दौरान सांसद निधि निलंबित कर दी गई थी और इस धनराशि का उपयोग बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे में सुधार और कोविड-19 महामारी से निपटने में किया गया। इस दौरान सरकार ने सांसदों के वेतन में भी 30 फीसदी की कटौती की थी। इसके बाद दस नवंबर 2021 को बहाल की गई सांसद निधि योजना के तहत चालू वर्ष 2021-22 में दो-दो करोड़ की राशि का आंवटन करने का निर्णय लिया गया। जबकि साल 2022-23 के लिए हर साल पांच पांच करोड़ रुपये इसके लिए स्वीकृत किये गये, जो साल में 2.5 करोड़ रुपये की दर से दो किस्तों में जारी की जाएगी। इसके लिए साल 2025-26 तक प्रत्येक सांसद को पांच करोड़ रुपये प्रति वर्ष दिये जाने की मंजूरी मिल चुकी है।
माननीयों मिली ग्रांट
इसमें से महेन्द्रगढ़ भिवानी सांसद धर्मबीर सिंह को 9.50 करोड़ रुपये की निधि जारी की है, जिसमें से उन्होंने करीब 7.30 करोड़ रुपये के कार्य कराये हैं। जबकि सोनीपत के रमेशचन्द्र कौशिक ने अभी तक जारी सात करोड़ में 3.43 करोड़, गुरुग्राम के राव इंद्रजीत ने सात में से 3.33 करोड़, हिसार के ब्रजेन्द्र सिंह ने सात में से 2.13 करोड़, कुरुक्षेत्र के नायब सिंह ने सात में से 3.96 करोड़, सिरसा की सुनीता दुग्गल ने सात में से 2.49 करोड़ रुपये की सांसद निधि खर्च की है। इसके अलावा रोहतक के अरविंद कुमार शर्मा और अंबाला के रतनलाल कटारिया को पांच-पांच करोड़ रुपये की धनराशि जारी हुई है, जिनमें से उन्होंने क्रमश: 1.10 करोड़ और 2.16 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। दूसरी ओर राज्य सभा सांसद डा. डीपी वत्स को अभी तक 17 करोड़ में से 12 करोड़ रुपये जारी किये गये, जिसमें से 7.30 करोड़ यानी 59.13 फीसदी सांसद निधि को विकास कार्यो के लिए खर्च की जा चुकी है।
इसके अलावा दीपेन्द्र हुड्डा और रामचन्द्र जांगड़ा को सात करोड़ में से दो-दो करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी राशि खर्च नहीं की गई। बाकी नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसदों कृष्णलाल पंवार, कार्तिकेय शर्मा को अभी तक कोई सांसद निधि जारी नहीं हुई। जबकि इससे पहले पूर्व सांसद सुभाषचंद्रा 15 करोड़ की निधि में से 79.60 फीसदी करने अव्वल रह चुके हैं, जबकि पूर्व सांसद दुष्यंत गौतम दो करोड़ में से एक रुपया भी खर्च नहीं कर सके। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत प्रदेश में फिलहाल 94.21 करोड़ रुपये की लागत से 13 विभिन्न सेक्टरों के 2213 कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए सूबे के सांसदों के पास जारी 100 करोड़ रुपये की सांसद निधि है।
इस योजना के तहत जनसुविधाओं के 739 कार्यो के लिए 38.31 करोड़ रुपये, रेलवे, सड़क और पुलों के 677 कार्यो के लिए 26.02 करोड़, पेयजल सुविधा की 122 कार्य के लिए 2.78 करोड़, शिक्षा क्षेत्र के 72 कार्यो के लिए करीब 4.73 करोड़, बिजली सुविधओं के 207 कार्यो के लिए 6.35 करोड़, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के 96 कार्यो के लिए 04 करोड़ से ज्यादा, सिंचाई सुविधाओं के 14 कार्यो के लिए करीब 94 लाख रुपये और गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत के पांच कार्यो के लिए 10.46 लाख रुपये की मंजूरी मिली है।