नगर निगम चुनाव : Development Charges ने बढ़ाई उम्मीदवारों की टेंशन, लाखों रुपये बन रहा बिल

मेयर व पार्षद पद के उम्मीदवारों को नगर निगम की टैक्स शाखा, भवन शाखा, पानी-सीवरेज, सफाई व विज्ञापन शाखा से एनओसी लाना अनिवार्य किया गया है। इन सभी नियमों को पूरा करने वाला उम्मीदवार ही नगर निगम में मेयर व पार्षद पद का चुनाव लड़ने के योग्य माना जाएगा।;

Update: 2020-12-09 06:43 GMT

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

सोनीपत में पहली बार होने जा रहे नगर निगम चुनावों में मेयर व पार्षद पद का चुनाव लड़ने की इच्छा जताने वाले उम्मीदवारों की डेवलपमेंट चार्ज ने टेंशन बढ़ा दी है। क्योंकि कई क्षेत्रों में यह बिल लाखों रुपये में पहुंच रहा है।

रेजीडेंशियल का डेवलपमेंट चार्ज 120 रुपये प्रति गज है और शहर के कई इलाकों में कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत डेवलपमेंट चार्ज के रूप में देना होगा। यही नहीं विज्ञापन रजिस्ट्रेशन, प्रापर्टी टैक्स, पेयजल-सीवर का बिल अलग से देना होगा। इसके अलावा मेयर व पार्षद पद के उम्मीदवारों को नगर निगम की टैक्स शाखा, भवन शाखा, पानी-सीवरेज, सफाई व विज्ञापन शाखा से एनओसी लाना अनिवार्य किया गया है। इन सभी नियमों को पूरा करने वाला उम्मीदवार ही नगर निगम में मेयर व पार्षद पद का चुनाव लड़ने के योग्य माना जाएगा। चुनाव लड़ने के लिए तय किए गए नियमों को देखते हुए कई उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा को ही टाल दिया है।

एनओसी के लिए कर रहे हैं भागदौड़

नगर निगम के चुनाव की घोषणा होने के साथ ही उम्मीदवारों में हलचल तेज हो चुकी है। चुनाव लड़ने के लिए नियमों को पूरा करने के लिए उम्मीदवार नगर निगम व अन्य विभागों से एनओसी प्राप्त करने के लिए भागदौड़ करने में जुट गए हैं। वहीं दूसरी ओर चुनाव लड़ने के लिए तय किए गए नियमों को लेकर भी उम्मीदवार अपना विरोध जता रहे हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि डेवलपमेंट चार्ज की शर्त पहले रजिस्ट्री करवाते समय होती थी, लेकिन जब कोई जमीन की खरीद-फरोख्त ही नहीं हो रही तो डेवलपमेंट चार्ज किस बात का। ऐसे में अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से तय किए गए नियमों को पूरा करने के बाद ही एनओसी दी जाएगी, अन्यथा नहीं। ऐसे में उम्मीदवार सभी शतार्ें को पूरा करने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।

नए नियमों से कई उम्मीदवारों को लगेगा झटका

मेयर अथवा पार्षद पद का चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले कई उम्मीदवारों का सपना टूट सकता है, क्योंकि सरकार द्वारा तय किए गए नियम उम्मीदवारों की जेब पर भारी पड़ सकते हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिन जनप्रतिनिधियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने का सपना संजोए बैठे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के नियमों से झटका लग सकता है। ऐसे में कई उम्मीदवार भारी-भरकम फीस भर भी रहे हैं तो कई आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण भारी मन से वापिस भी लौट रहे हैं।

इस प्रकार तय किया गया डेवलपमेंट चार्ज

सभी कालोनियों के लिए डेवलपमेंट चार्ज अलग-अलग कैटेगरी में निर्धारित किए गए हैं। वर्ष 2004 में वैध होने वाली कालोनियों में डेवलपमेंट चार्ज 120 रुपये प्रति वर्गगज तय किया गया है। वर्ष 2014 में वैध होने वाले कालोनियों में 100 रुपये प्रति वर्गगर्ज डेवलेपमेंट चार्ज निर्धारित किया गया है। वहीं वर्ष 2018 में वैध हुई कालोनियों में प्रति वर्ग गज कलेक्टर रेट के 5 प्रतिशत के हिसाब से डेवलपमेंट चार्ज तय किया गया है। ऐसे में यदि मानें लें कि अगर किसी कालोनी में कलेक्टर रेट 10 हजार रुपये है तो उसका 5 प्रतिशत यानी 500 रुपये वर्गगज के हिसाब से 100 गज के प्लाट पर 50 हजार रुपये का विकास शुल्क देना होगा। इसके अलाया यदि किसी उम्मीदवार के नाम पर कोई कमर्शियल प्रॉपटी है तो उसे एक हजार रुपये प्रति मीटर के हिसाब से डेवलपमेंट चार्ज जमा करवाना होगा।

 नगर निगम कार्यालय।

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