निकाय चुनाव : भाजपा लड़ेगी सिम्बल पर चुनाव, कांग्रेस, इनेलो और जजपा का अभी तक फैसला नहीं

पूरे हरियाणा में कुल 53 निकायों के चुनाव होने हैं। इसमें नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद शामिल हैं। इन्हीं चुनावों की तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी कुछ नया करने जा रही है। 2005 से प्रदेश में लगातार मजबूत हो रही भाजपा पहली बार नगर निकायों (नगर निगम) के चुनावों में अपने चुनाव चिन्ह (कमल का फूल) का प्रयोग करेगी। इससे पहले भाजपा ने नगर निकायों में सिर्फ नगर निगमों के चुनाव ही अपने चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था।;

Update: 2021-09-02 10:16 GMT

 दीपक वर्मा : सोनीपत

प्रदेश के अधिकतर नगर निकायों में इस साल चुनाव लंबित है, उम्मीद है कि इसी साल के अंत तक इन सभी नगर निकायों में चुनावों की घोषणा हो जाए। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पूरे हरियाणा में कुल 53 निकायों के चुनाव होने हैं। इसमें नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद शामिल हैं। इन्हीं चुनावों की तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी कुछ नया करने जा रही है। 2005 से प्रदेश में लगातार मजबूत हो रही भाजपा पहली बार नगर निकायों (नगर निगम) के चुनावों में अपने चुनाव चिन्ह (कमल का फूल) का प्रयोग करेगी। इससे पहले भाजपा ने नगर निकायों में सिर्फ नगर निगमों के चुनाव ही अपने चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। वहीं कांग्रेस, इनेलो और जजपा अभी तक इस मामले में फिसड्डी दिखाई दे रही हैं। नगर निगम चुनावों को लेकर इन पार्टियों में अभी तक कोई सुगबुगाहट दिखाई नहीं दे रही। बता दें कि प्रदेश भर में नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका को मिला कर कुल 53 जगहों पर चुनाव होने हैं। 

इन निकायों में होने हैं चुनाव

नगर निगम : मानेसर। नगर परिषद : कालका, अम्बाला सदर, थानेसर, कैथल, गोहाना, झज्जर, बहादुरगढ़, चरखी दादरी, पलवल, होडल, नूंह, सोहना, नारनौल, हांसी, फतेहाबाद, टोहाना, मंडी डबवाली, जींद, नरवाना, सिरसा।

नगर पालिका : नारायणगढ़, सढौरा, इस्माइलाबाद, शाहबाद, लाडवा, पेहवा, तरावड़ी, घरौंडा, असंध, निसिंग, चीका, राजौंद, समालखा, महम, गन्नौर, कुंडली, बादली, फिरोजपुर झीरका, पुन्हना, बावल, महेंद्रगढ़, नांगल चौधरी, बरवाला, बास, सिसाई, रतिया, भूना, रानिया, कलांवली, ऐलनाबाद, सफीदों, उचाना।

प्रफोरमेंस प्रेशर, इसीलिए नफे- नुकसान पर हो रही है चर्चा

मौजूदा समय में प्रदेश पर भाजपा और जजपा की गठबंधन सरकार है। इसी वजह से नगर निकायों के चुनावों में प्रफोरमेंस प्रेशर भी दोनों पार्टियों पर है। वहीं कांग्रेस विपक्ष में हैं और इनेलो अपना वजूद खो चुकी है। ऐसे में निकाय चुनाव सभी पार्टियों के लिये एक सुनहरा अवसर हो सकता है। क्योंकि इस वर्ष 53 निकायों के चुनाव प्रस्तावित हैं। एक तरह से पूरा हरियाणा ही कवर हो जाएगा। ऐसे में इन चुनावों में अच्छी स्थिति हासिल करने वाली पार्टी 2024 के प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकेगी। इसीलिये निकाय चुनावों में सिंबल के इस्तेमाल के लिये सभी पार्टियां अपने-अपने नफे-नुक्सान को तोलने में लगी हुई है।

पंचायत और जिला परिषद चुनाव भी प्रस्तावित

नगर निकाय से इतर प्रदेश भर में पंचायती राज संस्थाओं और जिला परिषद के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। जिला स्तर पर सभी ब्लॉक में पंचायतों, ब्लॉक समिति और जिला परिषद के चुनावों को लेकर तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। आरक्षण आधारित व्यवस्था पर सभी तरह के वार्ड व पंचायत बांटी जा चुकी हैं। ऐसे में इंतजार सिर्फ चुनावों की तारीख का है। पहले पंचायत चुनाव और उसके बाद निकाय चुनावों की पूरी उम्मीद है। ऐसे में वर्ष के अंत तक ठंड में गर्मी बढ़ने के आसार हैं। अगर कोरोना अड़चन नहीं डालता तो पंचायत राज संस्थाओं के तुरंत बाद निकाय चुनाव संभव हैं। अगर किसी वजह से नगर निकायों के चुनाव इस वर्ष संभव नहीं हो पाते तो अगले वर्ष इनके चुनाव होंगे।

Tags:    

Similar News