हरियाणा में पंचायत से पहले होंगे निकाय चुनाव, पिछड़ा वर्ग को नहीं मिलेगा आरक्षण, इस दिन होगा इलेक्शन की डेट का ऐलान

हाईकोर्ट की ओर से दोनों में हरी झंडी हो जाने के साथ ही तैयारी तेज हो गई है, सबसे पहले हरियाणा चुनाव आयुक्त निकायों का चुनाव कराने जा रहे हैं।;

Update: 2022-05-18 18:15 GMT

योगेंद्र शर्मा  : चंडीगढ़

आखिरकार सूबे में लंबे वक्त से पंचायती और स्थानीय शहरी निकायों में चुनाव का इंतजार करने वाले लोगों का इंतजार समाप्त होने जा रहा है। हाईकोर्ट की ओर से दोनों में हरी झंडी हो जाने के साथ ही तैयारी तेज हो गई है, सबसे पहले हरियाणा चुनाव आयुक्त निकायों का चुनाव कराने जा रहे हैं। इस क्रम में सोमवार को तारीख का ऐलान हो जाने की प्रबल संभावनाएं हैं। हरियाणा राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने हरिभूमि के पूछे जाने पर इतना जरूर कहा है कि राज्य भर के विभिन्न 52 निकायों में चुनाव लंबित हैं। जिसमें से 47 में वोटर लिस्ट और बाकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है अर्थात इनमें चुनाव कराने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हैं। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि बाकी पांच में अभी काम बाकी है, जबकि बांस को तोड़कर एक बार फिर से पंचायत में बदल दिया गया है। इस तरह से फिलहाल 47 पर चुनाव होने हैं। भरोसेमंद उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अब राज्य के चुनाव आयुक्त धनपत सिंह किसी भी वक्त चुनाव की तारीखों का एलान कर सकते हैं, इस क्रम में आने वाले सोमवार को पीसी बुलाई जा सकती है। इस तरह के संकेत भी मिल रहे हैं।

पिछड़ों को इस बार आऱक्षण नहीं

निकायों में होने वाले चुनावों में पिछड़े वर्ग को आरक्षण नहीं मिल सकेगा। सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले के अनुसार ही हाई कोर्ट ने चुनाव कराने का निर्देश जारी कर दिया है। इस क्रम में सीएम ने भी एक दिन पहले ही इस क्रम में आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही चुनाव कराने की बात कही थी। अर्थात अब निकाय चुनावों को लेकर हरियाणा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही आरक्षण होगा। निकायों की आयोग रिपोर्ट तैयार करेगा, लेकिन अदालत ने पहले ही साफ कर दिया है कि किसी भी सूरत अथवा रिपोर्ट के इंतजार में चुनाव नहीं टाले जाएं। इस स्थिति में अध्यक्ष अथवा सदस्यों के लिए जो सीटें आरक्षित थी, वे पूरी तरह से अनारक्षित अथवा सामान्य सीट होंगी। इस तरह से इस बार के चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण नहीं होगा। यहां पर यह भी बता दें कि सुप्रीम अदालत ने साफ कर दिया है कि निकायों की बात हो या फिर अन्य कहीं पांच साल पूरे होने के ठीक पहले चुनाव कराया जाना अनिवार्य है। आंकड़ों पर गौर करें, तो इस वक्त राज्य के अंदर नगर परिषद की जहां तक बात है- 38 और नगर पालिकाओं में 94 पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था थी। राज्य के हर निकाय में दो-दो पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ करते हैं।

सोमवार को पत्रकार सम्मेलन में देंगे चुनाव को लेकर अहम जानकारी

हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने सोमवार को दोपहर एक बजे पत्रकार सम्मेलन बुलाने की पुष्टि, तो कर दी है। लेकिन तारीखों के एलान पर अभी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस दौरान निकाय चुनावों की तारीख के एलान के साथ-साथ में चुनाव आयुक्त बीसी आरक्षण को लेकर स्थिति स्पष्ट करेंगे, क्योंकि मामले पर आयोग व सरकार अभी भी फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं। अब से पहले मामला कोर्ट में फंसा होने के कारण लीगल राय और तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद ही घोषणा होगी।

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