नारनौल नगर परिषद फिर सुर्खियों में : सैन चौक का पानी निकालने के लिए बनाई योजना, लोगों की बढ़ी टेंशन, जानें क्यों
इस योजना के तहत सैन चौक का पानी शहर के मुख्य गंदे नाले में रविदास मंदिर के पास डाला जाता है। जो उल्टी गंगा बहाने जैसा लग रहा है, क्योंकि शहर के पानी का ढाल दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर है। शहर के साथ लगती दोहान कृष्णावती व शहर के बीचों बीच बह रही छलक नदी, जो अब गंदा नाला बन गया का ढाल दक्षिण से उत्तर की ओर ही है। ऐसे में नगर परिषद दक्षिण से उत्तर की ओर पानी निकालने की योजना बिना सोचे समझे बना रही है।;
हरिभूमि न्यूज
नारनौल। शहर की नगर परिषद अपने कायोंर् को लेकर हमेशा चर्चा में रही है। गंदे नाले के निर्माण के कारण भी नगर परिषद की किरकरी हुई है। वहीं बरसाती पानी निकालने की योजनाओं में तथा गंदे नाले बनाने में भी नगर परिषद के द्वारा कभी भी सही कार्य नहीं किए गए। अब नगर परिषद ऐसा कारनामा करने जा रही है, जो बहुत ही मुश्किल है। हालांकि नगर परिषद के अधिकारी तो दावा कर रहे हैं कि यह काम बहुत आसान है मगर लोगों की माने तो यह केवल पैसों की फिजूलखर्ची है।
नगर परिषद की ओर से शहर के सैन चौक में भरने वाले बरसाती पानी को निकालने की एक योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत सैन चौक का पानी शहर के मुख्य गंदे नाले में रविदास मंदिर के पास डाला जाता है। जो उल्टी गंगा बहाने जैसा लग रहा है, क्योंकि शहर के पानी का ढाल दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर है। शहर के साथ लगती दोहान कृष्णावती व शहर के बीचों बीच बह रही छलक नदी, जो अब गंदा नाला बन गया का ढाल दक्षिण से उत्तर की ओर ही है। ऐसे में नगर परिषद दक्षिण से उत्तर की ओर पानी निकालने की योजना बिना सोचे समझे बना रही है। इस योजना से न केवल सैन चौक के लोगों को नुकसान होगा, बल्कि गंदे नाले के आसपास रहने वाले लोग भी परेशान होंगे। योजना को पूरा होने के बाद गंदे नाले का पानी वापस सैन चौक पर आने की संभावना बनी रहेगी। यहां के पुराने निवासियों राजू, अशोक, सुरेश, टिंकू व सोमदत्त आदि ने बताया कि यदि सैन चौक का पानी निकालना ही है तो तेलिया जोहड़ में पानी निकाला जा सकता है। क्योंकि यहां का पानी पहले वहां जाता था
छोटे जोहड़ पर बना है सैन चौक
जहां सैन चौक बना हुआ है, वहां पर पहले एक जोहड़ी होती थी। नई सराय मोहल्ले का पानी इसी जोहडी में इकट्ठा होता था। इसके बाद यहां से पानी टेलीफोन एक्सचेंज के पास स्थित तेलिया जोहड़ में जाता था। वहां से अगर पानी ओवरफ्लो हो जाता तो निमडी नाका यानी महावीर चौक पर जाता, महावीर चौक से पानी नाले में डालकर आईटीआई व वर्मा अस्पताल के साथ से होता हुआ नई कचहरी की ओर चला जाता था।
गंदे नाले से ही बाढ़ का पानी आया था, तब सैन चौक पर भर गया था। जमालपुर व पुरानी सराय भी पूरी तरह डूब गए थे। उस समय महावीर चौक और सुभाष पार्क के सामने सड़क को तोड़कर पानी निकाला गया था, जो बाद में नूनी गांव की ओर चला गया था।
पहले भी बनी थी यही योजना
इससे पूर्व भी 2016-17 में भी जान स्वास्थ्य विभाग ने ये ही योजना बनाई थी। जिसका लोगों ने उस समय विरोध किया। जिसके बाद इसको रोक दिया गया। जिस जगह से नगर परिषद लाइन डालकर सैन चौक का पानी निकालने की तैयारी कर रही है, उस जगह से शहर के दक्षिण में जाने वाली मुख्य बड़ी पेयजल और सीवर लाइन भी डली हुई हैं, ऐसे में इन लाइनों को क्रॉस करना भी एक चुनौती होगी। अगर इन लाइनों को नुकसान होता है तो पूरे शहर के लिए पीने के पानी की समस्या हो जाएगी।
जनस्वास्थ विभाग का काम करवा रही नगर परिषद
सरकारी आदेशों अनुसार शहरों में कहीं भी बरसाती पानी के भराव की समस्या होती है तो उसके निवारण का काम जन स्वास्थ्य विभाग का हैए मगर यहां यह काम नगर परिषद करवा रही है। ऐसे में घोटाला होने की समस्या बनी हुई है।
क्या कहते है जनप्रतिनिधि
- इस बारे में वार्ड नंबर 26 के नगर परिषद सदस्य काशी राम ने बताया कि उनका प्रयास है कि सैन चौक पर जमा होने वाला बरसाती पानी निकले। जिसके लिए उन्होंने यह योजना बनाई।
- वार्ड नंबर 25 के पार्षद अजय सिंघल ने बताया कि यह योजना गलत है। इस प्रकार पानी बैक मारकर उल्टा आ जाएगा। यह योजना सही नही है। इससे वार्ड नंबर 25 के लोग परेशान होंगे। वे इस बारे अधिकारियों से बात करेंगे। किसी भी कीमत पर उल्टी गंगा नहीं बहाने दी जाएगी।
- पूर्व पार्षद दयानंद सोनी का कहना है कि नगर परिषद पहले ढाल देखे कि पूर्व में पानी कहा जाता था, उसके बाद ही कोई योजना बनाए। पूर्व में सैन चौक का पानी तेलिया जोहड़ में जाता था।