Narnaul : मच्छर का लारवा मिलने पर 264 घरों को दिया नोटिस, 66 हजार के लिए नमूने
- मच्छरजनित रोगों से बचाव के लिए जिले में मलेरिया विभाग की 152 टीमें अब तक 135525 घरों को कर चुकी चेक
- डेंगू मलेरिया के बढ़ते हुए केसों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लिया था निर्णय
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Narnaul : मानसून सीजन में मच्छर जनित रोगों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। हालांकि इस वर्ष अब तक मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया के कोई पॉजीटिव केस तो नहीं मिले हैं, लेकिन लोगों में बुखार तेजी से फैल रहा है। इसी कारण मलेरिया विभाग ने संदिग्ध बुखार के मद्देनजर जिले में 66,456 लोगों की रक्त पट्टिकाएं तैयार की गई हैं। साथ ही 264 घरों में लारवा मिला है, जिस पर चेतावनी स्वरूप उन्हें नोटिस (Notice) जारी किए गए हैं तथा उन्हें अपने यहां टंकी, कूलर एवं पानी भरने वाले अन्य सामान की सफाई करने की हिदायत दी है, जिनमें मच्छरों के पनपने का खतरा हो।
उल्लेखनीय है कि बरसात के सीजन में मच्छरों के पनपने की संभावनाएं कई गुणा बढ़ जाती हैं। मच्छरों के बढ़ने के साथ ही मच्छरजनित रोगों के फैलने का भी खतरा उत्पन्न हो जाता है। लोगों में इस समय बुखार रोग तेजी से फैल रहा है। इन्हीं मच्छरों एवं रोगों को देखते हुए इन दिनों मलेरिया विभाग सक्रिय बना हुआ है, जिसकी 152 टीमें गांव एवं शहर दोनों जगह घर-घर जाकर लारवा चेकिंग अभियान चला रही हैं। यह टीमें अब तक जिले में 1,35,525 घरों को चेक कर चुकी हैं, जिनमें से 264 घरों में मच्छर का लारवा मिला है। लारवा मिलने पर इन्हें नोटिस देकर चेताया गया है तथा मच्छर पनपने से रोकने के उपाय अपनाने को कहा गया है।
साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर
गौर करने वाली बात यह है कि डेंगू का मच्छर नालों एवं नालियों के बहते गंदे पानी में पैदा नहीं होता है। यह साफ पानी में पनपता है। उदाहरण के तौर पर पक्षियों के लिए पानी के पंरिडे रखे जाते हैं। यदि उनमें पानी एक सप्ताह से अधिक समय तक भरा रहता है तो उनमें मच्छर का लारवा जन्म ले लेता है, जो बाद में मच्छर बनता है। इन्हीं मच्छरों में एडिज एवं एनाफलिज मच्छर होते हैं, जिनके काटने से डेंगू एवं मलेरिया फैलते हैं। इसलिए परिडें या साफ पानी कई दिन तक भरने रहने वाले सामान की निगरानी रखें और उसे साफ करते रहें। अन्यथा यह लापरवाही जीवन पर भारी भी पड़ सकती है। सप्ताह में दो बार ड्रा डे मनाएं और पानी भरने वाली सभी सामान को सूखा दें।
पिछले वर्ष की स्थिति
मच्छरजनित डेंगू एवं मलेरिया जानलेवा भी होते हैं। यदि समय पर उचित उपचार नहीं मिले तो यह खतरनाक भी सिद्ध हो सकता है। वर्ष 2022 में जिले में डेंगू के 72 केस मिले थे, जबकि मलेरिया तीन लोगों में पाया गया था। इसी प्रकार वर्ष 2021 में डेंगू के 161 केस पाए गए थे, जबकि पांच केस मलेरिया के मिले थे। अबकी बार अब तक डेंगू एवं मलेरिया नहीं मिला है, लेकिन फिर भी इनसे सतर्क रहने की आवश्यकता है। यह संक्रमित व्यक्ति से एक-दूसरे व्यक्ति को मच्छरों के काटने पर फैलते हैं।
एंटी डेंगू मना रहे जुलाई माह
मलेरिया निरीक्षक राकेश शर्मा ने बताया कि सिविल सर्जन डाॅ. रमेश चंद्र आर्य तथा जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. रामनिवास के दिशा-निर्देशानुसार जुलाई मास को जिले में एंटी डेंगू मंथ के रूप में मनाया जा रहा है तथा लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों के घर-घर जाकर सर्वे टीमें लारवा चेक कर रही हैं तथा ज्वर पीडि़त लोगों की रक्त पट्टिकाएं तैयार की जा रही हैं। लारवा मिलने पर अब तक 264 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं।
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