दादरी में स्थापित होगा प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण केंद्र : गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने दिया प्राकृतिक खेती करने का संदेश
हरियाणा आर्य प्रतिनिध सभा एवं कृषि मंत्री जेपी दलाल की ओर से आयोजित करवाए गए इस समारोह में महामहिम राज्यपाल आर्चाय देवव्रत आर्य ने कहा कि प्राकृतिक खेती के दम पर ही हिंदुस्तान की भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है।;
चरखी दादरी। किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक सिखाने के लिए चरखी दादरी में भी कृषि विभाग की ओर से एक ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। आर्य हिंदी संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित स्वामी ओमानंद स्मृति दिवस समारोह एवं प्राकृतिक कृषि कार्यशाला में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कृषि मंत्री जेपी दलाल की सहमति से यह घोषणा की।
प्राकृतिक कृषि कार्यशाला में दादरी, भिवानी, लोहारू, तोशाम, बहल, सिवानी आदि के हजारों किसानों ने शिरकत की। हरियाणा आर्य प्रतिनिध सभा एवं कृषि मंत्री जेपी दलाल की ओर से आयोजित करवाए गए इस समारोह में महामहिम राज्यपाल आर्चाय देवव्रत आर्य ने कहा कि प्राकृतिक खेती के दम पर ही हिंदुस्तान की भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी बात सुनकर बजट में प्राकृतिक खेती का प्रावधान कर दिया है। रासायनिक खेती की वजह से हमारा खान-पान पूरी तरह से विषैला हो चुका है तथा जमीन बंजर होती जा रही है। आम नागरिक कैंसर, शुगर, हाईब्लड प्रेशर, हृदय रोग आदि भयानक बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं। मां के आंचल का दूध अमृत माना जाता था, वह भी अब इन कीटनाशकों की वजह से गुणकारी नहीं रहा।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि भारत हर साल अढाई लाख करोड़ रुपये का डीएपी व यूरिया विदेशों से आयात करता है जो केवल हमारी जमीन को खराब करने का काम कर रहा है। यही नहीं जमीन के नीचे का पानी भी जहरीला हो चुका है। यही हाल रहा तो आने वाले 20 साल के बाद भारत भूमि निर्जन हो जाएगी। हर साल करोड़ों देशवासी अस्पतालों में बीमार होकर मर रहे हैं। महाराष्ट्र में गर्भपात की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। वहां गर्भ में इन रसायनों के दुष्प्रभाव के कारण गर्भ में बच्चों के अंग विकसित नहीं हो पाते और जन्म लेने से पहले ही गर्भ में उनको मार दिया जाता है। आदमी के साथ दुधारू पशुओं पर भी रसायनिक तत्वों का खतरनाक असर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान पैदावार कम होने के भय से जैविक खेती की तरफ नहीं जा रहा, जब कि हकीकत यह है कि प्राकृतिक और जैविक खेती में काफी अंतर है। महामहिम राज्यपाल ने बताया कि देसी अथवा गिर, थारपारकर, हरियाणा, अंगोला आदि नस्ल की गाय का पालन कर हम प्राकृतिक खेती को अपना सकते हैं। देसी गाय के गोबर में करोड़ों सूक्ष्म जीवाणु हैं, जो कि हमारी धरती मां को फिर से हरा भरा और उपजाऊ बना सकते हैं। आज इस खेती से भारी बारिश के बावजूद उनकी गेहूं की उपज सही सलामत है। सोनीपत का एक युवा किसान प्राकृतिक खेती से हर साल प्रति एकड़ आठ-नौ लाख रूपए की कमाई कर रहा है। किसान चाहे तो इसको प्रयोग के तौर पर खेत में गाय के गोबर से जीवामृत व घन जीवामृत बनाकर शुरू कर सकते हैं। इसके उन्हें चमत्कारी परिणाम देखने को मिलेंगे।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि स्वामी ओमानंद सरस्वती आर्य समाज के एक महान दृष्टा और विचारक थे। आज शहीदी दिवस है। जिस समय भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव को लाहौर में फांसी दी गई, उस घटना से उद्वेलित होकर स्वामी ओमानंद दिल्ली में कालेज की पढ़़ाई छोड़कर आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे। स्वामी ओमांनद सरस्वती ने दादरी-भिवानी क्षेत्र में समाज की भलाई के लिए काफी संस्थाएं स्थापित कीं। जिनमें से आर्य हिंदी संस्कृत महाविद्यालय भी एक है। इस संस्था का सुधार करने के लिए यहां महाविद्यालय के साथ ही सीबीएसई पाठ्यक्रम का उन्नत गुरुकुल स्थापित कर दिया जाए। कुरूक्षेत्र गुरूकुल का उदाहरण देते हुए राज्पाल ने कहा कि वहां भी कभी ऐसा ही हाल था, आज वहां दाखिले के लिए प्रति वर्ष हजारों बच्चों के आवेदन आते हैं। हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा को इस विषय में गंभीरता से विचार करना चाहिए।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए एक अलग से शाखा बना दी है। जो कि किसानों को पेस्टिसाइड युरिया के स्थान पर गोबर से बनाई गई खाद का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है। हरियाणा सरकार प्राकृतिक खेती को बढावा देने के लिए गाय की खरीद पर 25 हजार रूपये की सब्सिडी दे रही है। कृषि मंत्री ने आर्य महाविद्यालय संस्थान के लिए 21 लाख रूपये देने की घोषणा की। समारोह में किसानों के लिए कृषि विभाग की ओर से अनेक स्टालें लगाई गई थीं। इस अवसर पर अतिरिक्त विधायक सोमवीर सांगवान, पूर्व एचपीएससी सदस्य डॉ. कुलबीर छिकारा, उपायुक्त अनुराग ढालिया सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।