नवीन जयहिन्द बोले, बजट में बेरोजगारों के लिए पकौड़े भी नहीं, नौकरी तो दूर की बात

नवीन जयहिन्द का कहना है कि सरकारों को पहले पिछले बजट का हिसाब देना चाहिए, वरना सब हवा है। पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दांव पर लगा रहता है, जैसे पहले था।;

Update: 2023-02-01 15:26 GMT

चंडीगढ़ : जैसा कि आप जानते हैं कि 1 फरवरी 2023 को देश की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा संसद में बजट पेश किया गया। जिस पर नवीन जयहिन्द ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस बजट में बेरोजगारों के लिए पकौड़े भी नही हैं, नौकरियां तो बहुत दूर की बात है। साथ ही, नवीन जयहिन्द ने बजट को लेकर एक सवाल किया कि ये केंद्र सरकार और राज्य सरकारें, जो हर साल बजट पेश करती हैं, क्या कोई इनसे पूछता भी है, या ये सरकारें बताती हैं कि पिछले साल वाले बजट में जो वादे किए थे, वे पूरे हुए या नहीं और की गई घोषणाओं से कितना खर्च हुआ।

नवीन जयहिन्द का कहना है कि सरकारों को पहले पिछले बजट का हिसाब देना चाहिए, वरना सब हवा है। पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दांव पर लगा रहता है, जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?

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