NEET 2022 : हरियाणा के इस शहर में 7 साल बाद ली जाएगी नीट परीक्षा, 2015 में यहां लीक हुआ पेपर, रद करना पड़ा था Exam

वर्ष 2015 में तीन मई को परीक्षा होने के बाद पुलिस ने खुलासा किया कि यहां पेपर लीक हुआ है। पुलिस ने पेपर लीक करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इसमें दो डेंटल डाक्टर्स व एक एमबीबीएस छात्र भी शामिल था।;

Update: 2022-04-29 00:30 GMT

अमरजीत एस गिल : रोहतक

ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट की 3 मई 2015 को देशभर में परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके लिए रोहतक में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। लेकिन यहां पेपर लीक हो गया। जिसकी वजह परीक्षा रद कर दी गई। इसके बाद यहां परीक्षा केंद्र नहीं बनाए गए। इस कारण था पेपर लीक का आरोपित रोहतक से था, लेकिन अब 17 जुलाई 2022 को हो रही नीट परीक्षा ( neet Exam 2022 ) के लिए रोहतक में फिर से परीक्षा केंद्र बनाए जा सकते हैं। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस समय परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यार्थी ऑनलाइन फार्म भर रहे हैं।

परीक्षा केंद्र चयन के लिए अभ्यार्थियों को चार शहरों के विकल्प भरने हैं। उनमें इस बार रोहतक भी परीक्षा केंद्र की सूची में शामिल है। परीक्षा में शामिल होने के लिए पंजीकरण करने की अंतिम तारीख 6 मई है। बीती 7 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन हो रहा है। रोहतक में इस बार परीक्षा केंद्र बनेंगे या नहीं, यह निर्णय केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि सीबीएसई द्वारा किया जाना है। लेकिन अभ्यार्थियों को परीक्षा केंद्र की सूची में रोहतक का नाम वर्ष 2015 के अब मिला है। रोहतक में परीक्षा केंद्र बनेंगे या नहीं। इसका निर्णय पुलिस प्रशासन से फीडबैक लेने के बाद ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा लिया जाएगा।

यह था मामला 

वर्ष 2015 में तीन मई को परीक्षा होने के बाद रोहतक पुलिस ने खुलासा किया कि यहां पेपर लीक हुआ है। पुलिस ने पेपर लीक करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। इसमें दो डेंटल डाक्टर्स व एक एमबीबीएस छात्र भी शामिल था। गिरोह के सदस्यों ने आंतरिक वस्त्रों में चिप फिट कर पेपर के दौरान करने की योजना बनाई थी। इसके लिए कपड़ों में मोबाइल चिप लगाने की जगह भी बनाई गई। साथ ही माइक्रो ईयर फोन और डिजिटल घड़ी नकल के लिए इस्तेमाल की गई। पुलिस ने तब कहा था कि गिरोह ने प्रति परीक्षार्थी से 20 लाख रुपए लिए। गिरोह सदस्यों के मोबाइल से पुलिस ने पेपर की आंसर की बरामद की थी। इस की को व्हाट्सएप से परीक्षार्थियों के पास गया। पेपर लीक में शामिल लोगों ने मोबाइल से आंसर की इधर-उधर भेजी। इसके ठोस सबूत पुलिस को मिले।

रोहतक पुलिस ने किया था भंडाफोड़

पुलिस पूरे फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी मदीना गांव के रूप सिंह दांगी को बनाया। उस समय पुलिस ने था कि गिरोह ने 30 अप्रैल 2021 को पानीपत में पेपर लीक करने का प्लॉन बनाया और इसको अंजाम तक पहुुंचा दिया। पेपर लीक होने के काफी समय तक रूप सिंह दांगी को जब पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई तो उस पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया। चूंकि रोहतक पुलिस ने मामले का भंडाफोड़ किया था। इसलिए पुलिस परीक्षा को रद करवाने के लिए सर्वाेच्च न्यायालय पहुंची। न्यायालय ने पुलिस की दलीलें सुनकर परीक्षा को केंसिल कर दिया। बताया जा रहा है कि इसके बाद पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए देश के विभिन्न हिस्सों से परीक्षा लीक करवाने में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया।

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