हरियाणा : भूमि रजिस्ट्रेशन में नए कलेक्टर रेट लागू, कमर्शियल क्षेत्र में 40, रिहायशी क्षेत्र में 30 फीसद तक वृद्धि

नववर्ष के आगमन के साथ ही प्रदेश के राजस्व विभाग ने नई तहसील कार्यालयों में नए कलेक्टर दरों के तहत जमीन की रजस्ट्री आरंभ कर दी है। इससे आमजन की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है;

Update: 2022-01-04 16:48 GMT

बाढड़ा ( भिवानी )

नववर्ष के आगमन के साथ ही प्रदेश के राजस्व विभाग ने नई तहसील कार्यालयों में नए कलेक्टर दरों के तहत जमीन की रजस्ट्री आरंभ कर दी है। इससे आमजन की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है वहीं उपमंडल क्षेत्र में नई कलेक्टर दरों पर बीस प्रतिशत की बजाए मात्र दस फिसदी ही वृद्धि करने से क्षेत्र के आमजन को राहत मिली है। पहले प्रस्तावित भारी भरकम दरों को लेकर अधिवक्ता, नंबरदार, किसान व सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद उपजे हालात के बाद उपायुक्त के हस्तक्षेप के बाद नई कलक्टर सूचि को मंजूरी मिलने से राजस्व विभाग के ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिवर्ग गज के मौजूदा 1500 को बढ़ाकर 1700 व बाढड़ा उपमंडल कस्बे में 5000 से बढ़ाकर 6000 करने का आदेश पत्र जारी होने से राजस्व कोष में भारी ईजाफा होगा।

प्रदेश सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के दिशानिर्देश पर राज्य के जिला उपायुक्तों ने सभी तहसील क्षेत्र के रकबे का कलेक्टर रेट को नववर्ष 2022 में अपग्रेड करते हुए प्रदेश भर में कमर्शियल क्षेत्र में बीस से चालीस व रिहायशी व कृषि क्षेत्र में बीस से तीस प्रतिशत वृद्धि की है जो लागू हो गई है तथा सरकार ने इस बारे में सभी तहसीलदारों के माध्यम से वसीका नवीसों को भी नया कलेक्टर रेट पर स्टांप शुल्क प्रयोग करने का आदेश दिया है।

राजस्व विभाग ने बाढड़ा में भी बीस से तीस प्रतिशत वृद्धि की लेकिन क्षेत्र के समााजिक संगठनों ने इस प्रस्तावित दरों को नकारते हुए उनको कुछ राहत देने की मांग करते हुए आंदोलन शुरु कर दिया जिसके बाद उपायुक्त प्रदीप गोदारा ने सारे मामले की विवेचना के बाद दोबारा नई कमेटी का गठन कर इनमें कुछ सुधार का आदेश दिया जिसके बाद प्रस्तावित दरों की सूचि को रद्द कर रातों-रात नई दरें निर्धारित की गई जो मात्र दस फिसदी अधिक थी। इस पर दोनों पक्षों ने संतुष्टी प्रकट की तो कलेक्टर दरों की नई सूचि पर मंगलवार से काम शुरू हो गया है।

गांवों में भी प्रति एकड़ दस लाख के भाव पर एक लाख की वृद्धि के आदेश

बाढड़ा : जिला प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ने उपमंडल मुख्यालय के व्यवासायिक, रिहायशी रकबे में की गई स्टांप शुल्क कलेक्टर दरों में दस फिसदी वृद्धि के बाद ग्रामीण क्षेत्र की भूमि की खरीद में आमजन पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राजस्व विभाग की प्रस्तावित सूचि में गांव कारीमोद, जगरामबास, गोविंदपूरा, कारी धारणी, खोरड़ा, कारी तोखा, मथुरा, कारी रुपा, कारीदास, श्यामकलां, भोपाली, द्वारका, लाडावास, काकड़ौली सरदारा, काकड़ौली, काकड़ौली हुक्मी, टोडी, कुब्जानगर, बिंद्राबन, बिलावल, कान्हड़ा, रहड़ौदी कलां, रहड़ौदी खुर्द, लाड, हुई, उमरवास, दगड़ौली, गोपालवास, बडराई, डांडमा, निमड़ बडेसरा, धनासरी, किष्कंधा, बेरला, मांढी केहर, कादमा, पिचौपा ाुर्द, पंचगावां, मांढी हरिया, मांढी पिरानु, डालावास, चांदवास, हंसावास कलां, हंसावास खुर्द, जेवली, भांडवा, भारीवास, गोपी, सुरजगढ, नांधा, जीतपुरा, रहड़ौदा इत्यादि गांवों की नहरी भूमि प्रति एकड़ की मौजूदा 10 लाख कलेक्टर रेट को बढ़ाकर 11 लाख, बरानी भूमि को 9 लाख से दस लाख व गैरमुमकीन भूमि को 15 सौ रुपये प्रति गज से बढ़ाकर 17 सौ रुपये प्रति गज की गई है।

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