हरियाणा में नई Property ID का डाटा हुआ लाइव, यहां चेक कर सकते हैं अपना स्टेटस
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की 90 शहरी स्थानीय निकायों में से 83 की वैरिफिकेशन का काम मुकम्मल हो गया है। इनमें से 79 निकायों का 32 लाख प्रोपर्टी आईडी का डाटा एनडीसी पोर्टल पर डाल दिया है।;
हरिभूमि न्यूज : करनाल
हरियाणा ऐसा पहला राज्य है, जिसने अपनी शहरी जमीन की पैमाईश करवा ली है, परिणामस्वरूप प्रदेश के सभी शहरी स्थानीय निकायों में प्रोपर्टी आइडी की संख्या जो पहले 29 लाख थी बढ़कर 42 लाख 10 हजार हो गई है। नई आईडी बनाने के इस काम में 3 लाख 9 हजार 200 आपत्तियां आई, जो दूर कर दी गई हैं। मंगलवार को प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता ने करनाल के नगर निगम कार्यालय में प्रोपर्टी आईडी एकीकरण का स्टेटस जानने को लेकर आयोजित 15वीं राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में दी।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि नई प्रोपर्टी आईडी बनाने के लिए याशी नाम की एक निजी एजेंसी से शहरी सम्पत्ति की पैमाईश करवाई गई और उसके बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से वैरिफिकेशन का काम किया गया। इसके तहत प्रदेश की 90 शहरी स्थानीय निकायों में से 83 की वैरिफिकेशन का काम मुकम्मल हो गया है। इनमें से 79 निकायों का 32 लाख प्रोपर्टी आईडी का डाटा एनडीसी पोर्टल पर डाल दिया है, जो लाईव हो गया है यानि कोई भी व्यक्ति https://ulbhryndc.org/ पर जाकर अपनी प्रोपर्टी आईडी को चैक कर सकता है। चैकिंग के दौरान सम्पत्ति मालिक प्रोपर्टी टैक्स की डिमांड और शिकायत भी डाल सकता है, उसका समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 3 यूएलबी की डाटा वैरिफिकेशन का काम आगामी 26 तक पूरा कर लिया जाएगा, शेष 4 यूएलबी का डाटा वैरिफिकेशन आगामी 30 अक्तूबर तक पूरा हो जाएगा।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि प्रोपर्टी आईडी के सर्वे से पहले पुराने आईडी से 29 लाख व्यक्ति प्रोपर्टी टैक्स अदा करते थे, अब इनकी संख्या बढऩे से 42 लाख लोग प्रोपर्टी टैक्स अदा कर सकेंगे। इस प्रक्रिया से जो आय होगी वह शहरी स्थानीय निकायों में विकास कार्यों और जनता की सुविधाओं पर ही खर्च होगी। उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों के पास खाली प्लॉट हैं, प्लॉट की जब रजस्ट्रिी करवाई जाएगी तो उस पर विकास शुल्क देना होगा। विकास शुल्क कितना है, इसका पैमाना म्यूनिसिपल एक्ट के आधार पर ही तय होता है। प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के बारे में उन्होंने बताया कि करीब 800 कॉलोनियां ऐसी हैं, जिनका सर्वे करवाया जा रहा है और सर्वे के बाद निकायों से जो भी प्रस्ताव आएंगे, उन पर पॉलिसी के तहत गौर करके नियमित करने का काम किया जाएगा।