नवनियुक्त महिला सरंपच ने पूर्व पंचायत और ग्राम सचिव पर लगाए लाखों के गबन के आरोप, चार्ज लेने से इनकार

महिला सरपंच ने बताया कि पुरानी पंचायत ने ग्राम सचिव के साथ मिलीभगत करके बिना अधिकारियों के हस्ताक्षर, सरपंच की मोहर व हस्ताक्षर के बिना रशीद काट रखी थी। पुरानी पंचायत में गांव में जो विकास कार्य नहीं हुए उनकी भी रसीद काट रखी थी।;

Update: 2022-12-14 16:25 GMT

महेंद्रगढ़ जिले के गांव डेरोली जाट में नवनियुक्त सरपंच ने बीते सालों का रिकॉर्ड लेने से इंकार कर दिया है। नवनियुक्त सरपंच ने पूर्व पंचायत व ग्राम सचिव पर मिलीभगत कर गबन का आरोप लगाया है। गांव की नवनियुक्त सरपंच ममता ढिल्लो ने बताया कि मंगलवार को गांव की नवनियुक्त पंचायत पहली बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में ग्राम की मौजूदगी में पुरानी पंचायत से रिकॉर्ड लेना था। सरपंच ने बताया कि उनको जानकारी मिली थी कि पंचायत के खाते में करीब दो करोड़ की राशि है। इसलिए उन्होंने गांव के सभी ग्रामीणों को गांव के विकास कार्यों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया था। जब रसीद चैक कर रही थी तो बड़ा गबन सामने आया। उन्होंने बताया कि पुरानी पंचायत ने ग्राम सचिव के साथ मिलीभगत करके बिना अधिकारियों के हस्ताक्षर, सरपंच की मोहर व हस्ताक्षर के बिना रशीद काट रखी थी। पुरानी पंचायत में गांव में जो विकास कार्य नहीं हुए उनकी भी रसीद काट रखी थी। सरपंच ने बताया कि बीते सात साल से पहले का रिकॉर्ड ले लिया है। बीते सात साल का रिकार्ड कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद लिया जाएगा।

इन विकास कार्यों पर लगाया गबन का आरोप

सरपंच ने बताया कि पिछली पंचायत ने गांव की एक फिरनी पर विकास कार्य करवा रही थी, लेकिन इसी दौरान कुछ ग्रामीण इस स्टे ले आए थे। स्टे के बावजूद पुरानी पंचायत ने नालियों पर करीब 150 एंगल रखवा दी। इन एंगल की कीमत से तीन से चार लाख होगी, लेकिन पुरानी पंचायत ने 15 लाख का बिल बनवा रखा है। इसके अलावा गांव के श्मशान घाट की चारदीवारी के नाम पर करीब पांच लाख का बिल बनवा रखा है, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। इसके अलावा कागजों में एक गली भी बनाई हुई दिखा रखी है, लेकिन धरातल पर एक इंर्ट भी नहीं लगी है। इसके अलावा कई ऐसे काम है जो धरातल पर नहीं हुए, लेकिन पुरानी पंचायत व ग्राम सचिव ने फर्जी बिल बनवाकर बिल पास करवा रखे हैं।

विकास कार्यों की होगी जांच

बीडीपीओ निशा तंवर ने बताया कि मामला अभी उनकी संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जाएंगी। नवनियुक्त पंचायत को रिकॉर्ड लेकर अपने पास रखना चाहिए, ताकि पिछली पंचायत में अगर कोई गबन हुआ है तो उनके पास गबन का रिकॉर्ड रहेगा।

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