अब प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र पर जिला स्तरीय किसान मेले का होगा आयोजन
इन मेलों के माध्यम से किसानों (Farmers) को फसल अवशेष प्रबंधन के अलावा फसल विविधिकरण सहित अन्य जानकारियों से अवगत कराया जा रहा है।;
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय(Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University) हिसार ने वर्चुअल कृषि मेले के बाद अब प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र पर जिला स्तरीय किसान मेले आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन मेलों के माध्यम से किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के अलावा फसल विविधिकरण सहित अन्य जानकारियों से अवगत कराया जा रहा है।
इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र सदलपुर ने गांव साहू में एक किसान मेले का आयोजन किया। इस मेले का आयोजन इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के तहत किया गया। मेले में वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को फसलों के अवशेष जलाने की बजाय उन्हें जमीन में ही मिलाने पर जोर दिया गया। साथ ही उनका बेहतर तरीके से प्रबंधन करके किसानों की आमदनी बढ़ाने के तरीके भी बताए गए।
उन्हें बताया गया कि पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ आम जनजीवन और भूमि के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। किसान पराली का उचित प्रबंधन करते हुए उसकी खाद व चारा तैयार कर बिक्री करके आमदनी बढ़ा सकते हैं। मेले में पराली को जमीन में मिलाने के लिए उपयुक्त मशीनों जैसे रोटावेटर आदि के बारे में जानकारी दी गई । साथ ही किसानों से जीरो ड्रिल व हैप्पी सीडर का प्रयोग करके गेहूं की सीधी बिजाई करने का आह्वान किया ताकि फसल अवशेषों को जलाने की बजाय उनका भूमि में ही उपयोग किया जा सके और उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सके। मेले में आसपास के गांवों के 200 से ज्यादा किसानों ने भाग लिया। इस दौरान मेले में फसल अवशेष प्रबंधन की मशीनरी वह अन्य विभागों की स्टाल भी लगाई गई।