कुरुक्षेत्र विश्चविद्यालय में अब एक छत के नीचे मिलेगी केजी से पीजी कक्षा तक की शिक्षा
विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत केजी टू पीजी योजना सत्र 2021-22 से होगी लागू, केयू की कार्यकारी परिषद ने पहले ही संस्थागत विकास योजना को मंजूरी दे दी है और हरियाणा सरकार को इसकी ढांचागत रूपरेखा सौंप दी है।;
हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के तहत् केजी टू पीजी स्कीम के तहत सत्र 2021-22 में दाखिले के लिए पूरी तरह तैयार है। यानि अब एक ही छत के नीचे केजी से पीजी कक्षा तक की शिक्षा दी जाएगी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री हरियाणा के मार्गदर्शन में शिक्षा में केजी टू पीजी की व्यवस्था के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय है जिसने इस प्रणाली को अपनाया है। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि हमने 2022 से अपने यूजी और पीजी कार्यक्रमों में एनईपी को लागू करने के लिए रोडमैप भी तैयार किया है। केयू की कार्यकारी परिषद ने पहले ही संस्थागत विकास योजना को मंजूरी दे दी है और हरियाणा सरकार को इसकी ढांचागत रूपरेखा सौंप दी है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर हरियाणा सरकार एवं हायर एजुकेशन कमीशन, हरियाणा के साथ कईं महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी हैं। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि केयू एनईपी 2020 की अवधारणा, विकास योजना और कार्यान्वयन कार्यक्रम तैयार करने में राज्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर मंजुला चौधरी ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के निदेर्शानुसार गठित कमेटी की 16 जून 2021 को ऑनलाइन बैठक हुई थी। इस ऑनलाइन बैठक में यूजी एवं यूटीडी/संस्थान द्वारा चलाए जा रहे इंटीग्रेटेड कोर्सिज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विश्वविद्यालय परिसर स्थित यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के छात्रों के लिए 15 प्रतिशत सीटों का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि 28 अप्रैल को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत केजी टू पीजी योजना के लिए कार्यान्वयन लिए गठित कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान की गई थी। प्रोफेसर मंजुला चौधरी ने बताया कि यूटीडी/संस्थानों में चलाए जा रहे यूजी और एकीकृत पाठ्यक्रमों में 15 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें (रेगुलेट्री बोर्ड द्वारा अनुमति नहीं दी गए कोर्सिज को छोड़कर), यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के छात्रों को दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि किसी पाठ्यक्रम में अधिसंख्य सीटों पर प्रवेश विश्वविद्यालय विवरणिका में दिए गए पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार किया जाएगा।