अब क्लर्क की बजाय जेई मौके पर जाकर करेंगे प्रॉपर्टी एरिया का निरीक्षण, जानें क्यों

प्रॉपर्टी आईडी के भी प्रोफार्मा में भी कुछ बदलाव किया गया है। एप्लीकेशन में प्रार्थी का नाम, पता, मोबाइल नंबर, प्रापर्टी का स्थान व क्षेत्र सहित अन्य जानकारियां दर्ज होंगी। ये कदम भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है।;

Update: 2022-06-14 05:29 GMT

हरिभूमि न्यूज : जींद

नगर परिषद में कार्यरत टैक्स क्लर्क नरेश कुमार के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों विजिलेंस द्वारा पकड़े जाने के बाद प्रोपर्टी आइडी जारी करने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। प्रॉपर्टी आइडी जारी करने से पहले क्लर्क मौके पर जाकर  देखते थे कि प्रॉपर्टी अप्रूव्ड एरिया में है या अन्अप्रूव्ड एरिया में है। अब क्लर्क की बजाय जेई मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे। इसके बाद नगर अभियंता व सचिव के माध्यम से प्रॉपर्टी आइडी की फाइल कार्यकारी अधिकारी के पास आएगी।

प्रॉपर्टी आईडी के भी प्रोफार्मा में भी कुछ बदलाव किया गया है। एप्लीकेशन में प्रार्थी का नाम, पता, मोबाइल नंबर, प्रापर्टी का स्थान व क्षेत्र सहित अन्य जानकारियां दर्ज होंगी। ये कदम भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है। सभी जेई व अन्य अधिकारियों की ड्यूटी नगर परिषद चुनाव में लगी हुई है। ऐसे में 22 जून तक प्रॉपर्टी आइडी से संबंधित काम बाधित रहेगा।

गौरतलब है कि शुक्रवार को नगर परिषद टैक्स नरेश कुमार प्रापर्टी आइडी के नाम पर पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। इससे पहले पिछले साल 10 फरवरी को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुरेश कुमार भी प्रॉपर्टी आइडी के नाम पर रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। 16 माह में दो कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने से नगर परिषद पर भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

 टैक्स ब्रांच का बदला नजारा

नगर परिषद कार्यालय में सबसे 'यादा भीड़ टैक्स ब्रांच में होती है। प्रॉपर्टी आईडी के लिए लोगों की टैक्स ब्रांच रूम में दिनभर भीड़ लगी रहती थी। अब क्लर्क नरेश कुमार के रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद सोमवार को टैक्स ब्रांच रूम में भीड़ नही थी। गेट को बंद किया हुआ था और लोगों से खिड़की पर ही एप्लीकेशन ली जा रही थी।

कोई पैसे की मांग करता है, तो उसकी शिकायत दें : ईओ

नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि अगर कोई प्रॉपर्टी आईडी या नगर परिषद से संबंधित किसी अन्य काम की एवज में पैसे की मांग करता हैं तो उसकी शिकायत दें। जेई अब प्रॉपर्टी का निरीक्षण मौके पर जाकर करेंगे और अप्रूव्ड या अन्अप्रूव्ड एरिया की रिपोर्ट देंगे। इसके बाद नगर अभियंता और सचिव के माध्यम से प्रॉपर्टी आईडी की फाइल उनके पास आएगी।

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