अब थानों से कोडिंग कर सैंपल लैब में भेजे जाएंगे, गोपनीयता रहेगी बरकरार

अब मधुबन मुख्यालय हो या फिर राज्य की अलग-अलग रीजनल लैब सभी में एडवांस सिस्टम लागू कर दिया गया है, कोडिंग के साथ में अहम मामलों के सैंपल थाने से अलग कोड के साथ में चलेंगे और मधुबन अथवा अन्य किसी लैब में वो नंबर भी बदल जाएगा।;

Update: 2021-02-12 06:12 GMT

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़

हरियाणा के एफएसएल मुख्यालय मधुबन और चार अन्य क्षेत्रीय लैब में कामकाज के पुराने तौर-तरीके पर विराम लग गया है। अब कोडिंग और बेहद गोपनीयता वाले आधुनिक सिस्टम के साथ कंप्यूटराइज्ड के बाद में सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे, जिसमें थाने में पूरी तरह अलग कोडिंग व लैब में अलग नंबर होगा अर्थात किसी भी मामले में मैनुअल दखल व पता करना बेहद ही टेढ़ी खीर वाली बात हो जाएगी।

अहम बात यह है कि पहले परंपरागत तौर-तरीके से मामले के साथ में एफआईआर नंबर और थाना सारी जानकारी बेहद ही आसानी से पता कर ली जाती थी, जिसके बाद में तमाम तरह के खेल किए जाने के आरोप भी लगते रहे हैं। अब मधुबन मुख्यालय हो या फिर राज्य की अलग-अलग रीजनल लैब सभी में एडवांस सिस्टम लागू कर दिया गया है, कोडिंग के साथ में अहम मामलों के सैंपल थाने से अलग कोड के साथ में चलेंगे और मधुबन अथवा अन्य किसी लैब में वो नंबर भी बदल जाएगा। इस तरह से जांच करने वाले को भी नहीं पता लगेगा कि वो कौन से मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसके लिए एडवांस गोपनीय ट्रैकिंग सिस्टम की शुरुआत कर दी गई है।

चालान से पहले देनी होगी रिपोर्ट

अब पारदर्शी और एडवांस व्यवस्था हो जाने के बाद में जांच के लिए आने वाले सैंपल को समयबद्ध तरीके से निपटारा भी जरूरी होगा क्योंकि कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था में अलर्ट और लंबित मामले को लेकर बार बार अलर्ट मिलेगा। वैसे प्रदेश में सबसे पहले मधुबन करनाल में मुख्यालय और बाद में अब चार जगह पर रीजनल लैब स्थापित कर दी गई हैं। जिसमें हिसार, मोगी नंद पंचकूला, भौंडसी गुरुग्राम और रोहतक सुनारियां हैं। मधुबन लैब में लंबे अंतराल से बदलाव को लेकर योजना तैयार हो रही थी लेकिन जमीनी हकीकत में इन्हें उतारने में लगातार देरी हो रही थी। लेकिन मूलभूत ढ़ांचे में सुधार से लेकर पदोन्नति के लटके मामलों में भी अब सारा कुछ पटरी पर लाने के लिए कईं अहम कदम उठाए जा रहे हैं। नई व्यवस्ता में एफआईआर नंबर और डिटेल पता करना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा। मधुबन लैब और बाकी लैब से जुड़े सभी कर्मियों के प्रमोशन की भी पूरी तैयारी हो गई है। पुराने सभी मामलों का निपटारा करने के लिए भी आला अफसरों ने साफ कर दिया है। इन लैबों में हत्या, विसरा, दस्तावेजों की जांच, लाई डिटेक्टर, एनडीपीएस, क्राइम अंगेस्ट वूमैन मामले, केमिस्ट्री, फीजिक्स कईं तरह की जांच करने की व्यवस्था है। 

दो सौ सैंपल प्रतिदिन

मधुबन मुख्यालय सहित बाकी चार लैब में लगभग दो सौ मामले रोजाना आते हैं। पिछले साल पूरे साल में लगभग 17 हजार मामलों में जांच के लिए कईं तरह के दस्तावेज, सैंपल, विसरा, महिला संबंधी अपराधों में सामग्री भेजी गई थी। आमतौर पर लैब में शुक्रवार और सोमवार को ज्यादा मामले आते हैं।

पांचों लैब आधुनिक उपकरणों से लैस

हरियाणा में फोरेंसिक साइंस लैब का काम पटरी पर आ जाने से लंबे वक्त तक परिणामों और न्याय का इंतजार करने वालों को राहत मिलेगी। पूर्व में पूरे राज्य में मधुबन पर ही सारा बोझ था लेकिन अब यह पांच हिस्सों में बंट गया है। बायोलाजी संबंधी सभी सैंपल, सीरोलाजी, कारतूस और हथियारों की जांच, दस्तावेजों के साथ-साथ ड्रग, नशीले पदार्थों आदि के सैंपल जांच सभी में सारी व्यवस्था आधुनिक तरीके से हो चुकी है। सूबे की मनोहरलाल सरकार ने हिसार, पंचकूला मोगीनंद, भौंडसी, रोहतक में रीजनल लैब की शुरुआत को लेकर जल्द से जल्द काम पूरा करने का लक्ष्य दिया था। हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन एमडी और वरिष्ठ आईपीएस अफसर निदेशक हरियाणा लैब डाक्टर आरसी मिश्रा ने कहा कि राज्य में अब पुराने तौर तरीकों से काम नहीं बल्कि नई गोपनीय पारदर्शी व्यवस्था के तहत काम होगा।

लोगों को जल्द न्याय दिलाने में मदद मिलेगी : विज

प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि समय पर सैंपल जांच का परिणाम सामने आए और समय पर न्याय मिले, इसके लिए हमने रीजनल फोरेंसिक लैब स्थापित करने, गोपनीयता बनाए रखने के लिए मकैनिज्म तैयार करने का फैसला काफी पहले ले लिया था। मुझे खुशी है कि इस दिशा में कईं अफसरों ने मेहनत व समयबद्ध तरीके से काम किया है, जिसके कारण राज्य में पांच लैब काम करने लगी हैं। अब न्याय का इंतजार करने वालों को भटकना और परेशान नहीं होना होगा। 

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