अब दिव्यांग यात्रियों से दुर्व्यवहार करने वाले स्टाफ की खैर नहीं

दिव्यांग यात्रियों की तरफ से परिवहन विभाग (transport Department) को मिली शिकायतों को निदेशालय ने बड़ी गंभीरता से लिया है। इस सबंध में सभी डिपो महाप्रबंधकों को लिखित निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि दिव्यांग (Handicapped) यात्रियों से सभ्य तरीके से पेश आएं। उनके लिए सीट आरक्षित हो।;

Update: 2020-09-28 06:15 GMT

हरिभूमि न्यूज :जींद

हरियाणा रोडवेज की बसों में यात्रा करने वाले दिव्यांग यात्रियों से अगर स्टाफ (Staff) दुर्व्यवहार करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसी शिकायत मिलने पर कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

दिव्यांग यात्रियों की तरफ से परिवहन विभाग को मिली शिकायतों को निदेशालय ने बड़ी गंभीरता (seriousness) से लिया है। इस सबंध में सभी डिपो महाप्रबंधकों को लिखित निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि दिव्यांग यात्रियों से सभ्य तरीके से पेश आएं। उनके लिए सीट आरक्षित हो। अगर उस सीट पर कोई अन्य यात्री बैठा है तो दिव्यांग को उसकी निर्धारित सीट पर बैठाया जाए। दिव्यांग किसी भी सूरत में हीन भावना का शिकार न हो।

दिव्यांगजनों ने मुख्यालय से की कुछ कर्मचारियों की शिकायत

गौरतलब है कि कुछ कर्मचारियों की शिकायत मिलती है कि वे दिव्यांग यात्रियों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं। यहां तक कि उन्हें सीट भी नहीं दी जाती। इसके अलावा उनका टिकट भी काट दिया जाता हैए जबकि सौ प्रतिशत दिव्यांग के मामले में सरकार की ओर से मुफ्त यात्रा का प्रावधान है। जबकि रोडवेज बसों में 38 श्रेणी में यात्री मुफ्त यात्रा करते हैं।

इसमें स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक व महिलाएं सहित अन्य यात्री शामिल हैं। रोडवेज बसों में कुछ श्रेणी के यात्रियों के लिए सीट निर्धारित की गई है। इसमें स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ नागरिक व दिव्यांग के लिए सीट नंबर चार से आठ निर्धारित है। वहीं सांसद, पूर्व सांसद व पूर्व विधायक के लिए सीट नंबर 10 व 11 निर्धारित हैं। महिलाओं के लिए सात से नौ, 18 से 21 और 26 से 28 सीट नंबर निर्धारित है। वहीं अगर वरिष्ठ नागरिक, महिलाओं व दिव्यांगों को जरूरतानुसार परिचालक द्वारा सीट उपलब्ध करवाने के निर्देश हैं।

दिव्यांग यात्रियों को सीट करवाएं उपलब्ध: महाप्रबंधक

जींद डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा ने बताया कि दिव्यांगजन से दुर्व्यवहार को लेकर अगर शिकायत प्राप्त होती है तो कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक व महिलाओं को भी सीट उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए। निदेशालय की ओर से पत्र जारी हुआ है कि कर्मचारियों द्वारा दिव्यांग यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और उन्हें सीट उपलब्ध नहीं करवाई जाती।

 

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