अब ई- श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के उपरांत ही श्रमिकों को मिलेगा योजनाओं का लाभ

पंजीकरण उपरांत श्रमिकों व मजदूरों के यूनिक आई-कार्ड बनाए जाते हैं। इस यूनिक आईडी कार्ड बनते ही असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सहित सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी मिलता है।;

Update: 2021-10-12 08:22 GMT

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

एसडीएम शशि वसुंधरा ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को अब ई-श्रम पोर्टल (E- Shram Portal) पर पंजीकरण कराने के उपरांत ही सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। जिले में असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण करने लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ा जा सके। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के नेशनल डेटाबेस आफ अन-असर्गेंनाइज्ड वर्कर कार्यक्रम के तहत कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है। एसडीएम शशि वसुंधरा सोमवार को लघु सचिवालय में अधिकारियों की बैठक ले रही थी।

एसडीएम शशि वसुंधरा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह गांव-गांव जाकर श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल के लिए जागरूक करें ताकि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले सभी श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकें। पंजीकरण उपरांत श्रमिकों व मजदूरों के यूनिक आई-कार्ड बनाए जाते हैं। इस यूनिक आईडी कार्ड बनते ही असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सहित सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी मिलता है।

एसडीएम शशि वसुंधरा ने बताया कि पंजीकरण के लिए आवेदक की उम्र 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक किसी भी संगठित समूह या संस्था का सदस्य नहीं होना चाहिए। पंजीकरण के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड नंबर, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी व आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। जिले में हजारों असंगठित श्रमिक का पंजीकरण किया जाना है। सभी का पंजीकरण निशुल्क होगा और इसके लिए सरकार अटल सेवा केंद्र के वीएलई को 20 रुपये प्रति कार्ड देगी। यूनिक आईडी कार्ड में आवेदक बाद में अपडेट करवाता है तो उसके 20 रुपये उसे स्वयं वहन करने होंगे। यूनिक आईडी के बनने से श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिल जाएगा। इसका एक साल का खर्च भी खुद सरकार वहन करेगी।

किन-किन असंगठित श्रमिकों का होगा पंजीकरण

सीएससी जिला मैनेजर शशिकांत कौशिक ने कहा कि इस यूनिक आईडी के लिए छोटे किसान, कृषि क्षेत्र में लगे मजदूर, पशुपालक, मछली विक्रेता, मोची, ईंट भट्ठों पर काम करने वाले, घरों में काम करने वाले, रेहड़ी-फेरी वाले, न्यूज पेपर वेंडर, कारपेंटर, प्लंबर, रिक्शा व आटो रिक्शा चालक, मनरेगा वर्कर, दूध विक्रेता, स्थानातंरित लेबर, नाई, आशा वर्कर, चाय विक्रेता व ऐसे मजदूर जो किसी संगठन के साथ जुड़े सभी यूनिक आईडी बनवा सकते है।

Tags:    

Similar News