अब ड्राइवर बनने से पहले प्रशिक्षण लेना अनिवार्य

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक आवेदकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र लेने के लिए करनी होगी जेब ढीली।;

Update: 2021-04-04 17:20 GMT

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

प्रदेश सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 21 दिन का प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक आवेदकों को अपनी जेब ढीली करनी होगी। आवेदकों के अनुसार ट्रायल क्लीयर होने के बाद ही लाइसेंस बनता था। ऐसे में प्रमाण पत्र की अनिवार्यता का औचित्य समझ से परे है। हालांकि सरकार का मानना है कि ड्राइवरांे का प्रशिक्षण सुनिश्चित होने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

जी हां, अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अतिरिक्त खर्च करना होगा। पहले जहां लाइसेंस बनवाने पर करीब अढ़ाई हजार रुपए ही खर्च होते थे। वहीं अब यह खर्च दोगुणा से भी ज्यादा होना तय है। सरकार के नए आदेशों के अनुसार अब लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक को ड्राइविंग स्कूल से 21 दिन की ट्रेनिंग के बाद प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी लेना होगा। इसकी फीस तीन से चार हजार रुपए तक मांगी जा रही है। इस तरह आवेदकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय है। लाइसेंस बनवाने के इच्छुक लोगों के अनुसार ड्राइविंग स्कूल से ही प्रशिक्षण लेने की शर्त लगाना गलत है। सरकार को अपने इस निर्णय को वापस लेना चाहिए। खंड समिति के पूर्व चेयरमैन तेजबीर दलाल का कहना है कि सरकार की नई-नई शर्तें लगाकर लोगों को परेशानी में डाल रही हैं। इससे लोगों की जेब काटी जाएगी। एक तरफ तो सरकार लाइसेंस जैसी प्रक्रियाओं को आसान बनाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार के नियम बनाकर लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों के अनुसार उचित एवं औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही आवेदक का लाइसेंस बनाने से दुर्घटनाओं में कमी आना स्वाभाविक है।




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