अनलॉक-5 : स्कूल खोलने के लिए अब एसओपी का इंतजार
स्कूलों के प्रबंधन सभी कक्षाओं के लिए एक साथ स्कूल खोलने की बजाय सबसे पहले कक्षा नौवीं से 12वीं या कक्षा 10वीं व 12वीं के छात्रों को ही बुलाने के पक्ष में हैं।;
हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
अनलॉक-5 में स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमति मिलने पर स्कूलों में तैयारी शुरू हो गई है। स्कूल प्रबंधन सरकार के एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (Standard Operating Procedure) का इंतजार कर रहे हैं। स्कूलों के प्रबंधन सभी कक्षाओं के लिए एक साथ स्कूल खोलने की बजाय सबसे पहले कक्षा नौवीं से 12वीं या कक्षा 10वीं व 12वीं के छात्रों को ही बुलाने के पक्ष में हैं। स्कूलों के अनुसार बड़े बच्चों को संक्रमण से बचाव को लेकर स्कूलों की तैयारियों में ढालना आसान होगा।
स्कूल खोलने के साथ ही आनलाइन क्लास भी फिलहाल जारी रहेंगी। अभिभावकों की सहमति व अनुमति से ही छात्र स्कूल में पढ़ाई करने आएंगे। जो छात्र आनलाइन ही पढ़ना चाहेंगे, उनके लिए वर्तमान की ही तरह आनलाइन क्लास जारी रहेगी। कुछ बच्चे स्कूल व कुछ आनलाइन रहने की स्थिति में स्कूल अपनी सुविधा व बच्चों के समय के अनुरूप तैयारी करेंगे। कुछ स्कूल आधे समय के लिए स्कूल संचालित करेंगे और आधा दिन आनलाइन क्लास चलेगी। वहीं कुछ स्कूल क्लास की पढ़ाई को ही लाइव व रिकार्ड कर आनलाइन मुहैया कराएंगे।
यह रहेगी स्कूलों की तैयारी
- स्कूल गेट पर थर्मल स्कैनर व परिसर में सैनिटाइजर व साबुन की व्यवस्था।
- हर छात्र को मास्क व निजी सैनिटाइजर बोतल रखना अनिवार्य।
- स्कूल आने के लिए अभिभावक की सहमति अनिवार्य।
- ऑनलाइन व फिजिकल क्लास हर दिन रहेगी जारी।
- कक्षा 10वीं-12वीं या नौवीं से 12वीं तक के छात्र बुलाए जाएंगे पहले।
- इसके बाद जूनियर कक्षाओं को बुलाने पर होगा विचार।
- आधे दिन स्कूल और आधे दिन चलेगी ऑनलाइन क्लास।
- कैंटीन रहेगी बंद, कोई सामान आपस में सांझा नहीं करेंगे छात्र।
- अभिभावकों द्वारा निजी वाहनों से स्कूल छोड़ने को दी जाएगी प्राथमिकता।
- माहौल के साथ सुरक्षित रहने की छात्रों की आदत पड़ने पर धीरे-धीरे बढ़़ेगा स्कूल का समय।
- सुरक्षित तरीके से कुछ स्कूल ट्रांसपोर्ट देंगे, वहीं कुछ नहीं देना चाह रहे।
मॉडर्न स्कूल के चेयरमैन राकेश कोच के अनुसार सरकार की एसओपी का पूर्णरूप से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। पहले बड़े बच्चों को ही बुलाएंगे, जिससे उन्हें सुरक्षित माहौल में ढाला जा सके। किसी बच्चे पर स्कूल आने का दबाव नहीं बनाया जाएगा। जो आएंगे उनकी क्लास चलेगी, जो नहीं आएंगे उनका भी नुकसान नहीं होने देंगे।