अब नौ पैरामीटर की अग्नि परीक्षा से गुजरकर ग्रामीणों की प्यास बुझाएगा पानी

एक दिन में आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में जांची जाएगी पानी की गुणवत्ता, टीडीएस, पीएच, टरबिडिटी, आयरन, हार्डनेस, फलोराइड, नाइट्रेट, सल्फेट व जिंक तत्वों की होगी जांच।;

Update: 2021-09-03 05:53 GMT

हरिभूमि न्यूज : भिवानी

गांवों में पीने का पानी कितना सेहतमंद है तथा पानी में कमियों के चलते होने वाली बीमारियों से ग्रामीणों को बचाने के लिए अब जन स्वास्थ्य विभाग गां गांव जाकर पानी की शुद्धता की जांच करेगा। इसके लिए गुरूवार को जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा मोबाईल वॉटर टेस्टिंग लैब को हरी झंडी दिखाकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रवाना किया गया, जहां यह लैब ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्त्रोतों का मौके पर जाकर ही जांच व रिपोर्ट देंगी, जिसके आधार पर पानी की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जाएगा।

घर-घर दस्तक देगी चलती फिरती पीने के पानी की लैबोरेट्री

मनुष्य अगर साफ व स्वच्छ पानी पिए तो लगभग आधी बीमारियां उसे छू भी नहीं पाएंगी। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए जल ही जीवन मिशन के तहत भिवानी में मोबाईल वॉटर टेस्टिंग लैब अब जिला के गांव-गांव, गली-गली जाकर चलती फिरती पीने के पानी की लैबोरेट्री में जांच करेंगी तथा शुद्ध व मिनिरल से भरपूर पानी आम लोगों के घरों में पहुंचाया जाएगा। जनस्वास्थ्य विभाग से अधीक्षक अभियंता जसवंत नरवाल ने मोबाईल वॉटर टेस्टिंग लैब को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद बताया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों को स्वच्छ व मिनिरल युक्त पानी उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से इस मोबाईल वैन को गांव-गांव, घर-घर भेजकर मौके पर ही आमजनता के सामने पानी की गुणवत्ता को जांचा जाएगा।

जहां पानी की गुणवत्ता में कोई कमी पाई गई, वहां के आस-पास लीकेज को ठीक कर पानी को ट्रीट कर जनता तक पहुंचाया जाएगा। इस बारे में लैब टैक्निशियन सन्नी कुमार व साहिल व एक्सईन राहुल देशवाल ने बताया कि दूषित पानी के प्रयोग से आज हम विभिन्न प्रकार की बैक्टीरिया जनित बीमारियों से पीडि़त होते है। इसके साथ ही पानी की मिनिरल वैल्यू में कमी होने पर हड्डियों व जोड़ों के दर्द से पीडि़त होते है। इसीलिए पानी की टेस्टिंग आवश्यक है। इसके लिए जल ही जीवन मिशन के तहत पीने के पानी की टेस्टिंग गांव-गांव जाकर की जाएंगी।

नौ पैरामीटर की अग्नि परीक्षा से गुजरेगा पानी

पानी की शुद्धता व गुणवत्ता को जांचने के लिए कुल नौ पैरामीटर की जांच होंगी, जिसमें पानी की पीएच वैल्यू, टीडीसी 500 से दो हजार के बीच, आयरन की वैल्यू एक से कम, पानी में फलोराईड की मात्रा एक से डेढ़ के बीच, नाईट वेट की मात्रा 45 से कम, सैलफेड की मात्रा 200 से 400 के बीच, इसके अलावा जिंक व बैक्टीरियल टेस्ट भी किया जाएगा, ताकि पानी की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सकें व बीमारियों से बचा जा सकें।

उन्होंने बताया कि नौ पैरामीटर के आधार पर पानी की जांच करके स्वच्छ पानी की आपूर्ति घरों में पहुंचाने के उद्देश्य से पिछले वर्ष दो अक्टूबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचकूला से मोबाईल वॉटर टेस्टिंग लैब की शुरूआत की थी। इस मोबाईल वैन पूरा सितंबर में एक माह तक भिवानी जिला के हर गांव में जाकर पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी तथा पानी जनित बीमारियों से लोगों को राहत दिलाने का काम करेंगी।

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