किसान आंदोलन : किसानों के धरने पर पहुंचे ओम प्रकाश चौटाला, राकेश टिकैत ने किया स्वागत
ओम प्रकाश चौटाला ने धरनास्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई केवल किसान और मजदूर की नहीं है बल्कि समूचे राष्ट्र की लड़ाई है आज पूरे विश्व की निगाह आंदोलनरत किसानों के संघर्ष और जुझारूपन पर टिकी है।;
पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) मंगलवार को अपने निर्धारित प्रोग्राम के तहत पलवल और गाजीपुर बार्डर पर भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को अपना समर्थन देने पहुंचे। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने पर चौधरी ओमप्रकाश चौटाला का किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने स्वागत किया
ओम प्रकाश चौटाला ने धरनास्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई केवल किसान और मजदूर की नहीं है बल्कि समूचे राष्ट्र की लड़ाई है आज पूरे विश्व की निगाह आंदोलनरत किसानों के संघर्ष और जुझारूपन पर टिकी है। यह किसान आंदोलन तीन गलत कृषि कानूनों की वजह से है और पूरे देश के छतीस जात के लोग इस आंदोलन से जुड़े हैं। भाजपा सरकार जनता को जात-पात और धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जिसकी अर्थव्यव्स्था खेती से जुड़ी है। देश का किसान अगर खुशहाल है तो देश मालामाल है लेकिन अगर किसान कंगाल है तो देश का बुरा हाल है। भाजपा सरकार के गलत निर्णयों और नीतियों की वजह से देश के लोगों का जीना दूभर हो गया है। भाजपा सरकार किसानों को समय पर खाद, बीज और दवाईयां उपलब्ध नहीं करवा रही है और अगर इसके बावजूद भी भगवान की कृपा से फसल अच्छी हो जाए तो कोई खरीददार नहीं है, अगर फसल खरीद ली जाती है तो उसके पैसे नहीं मिलते हैं। उन्होंने कहा कि जब वो मंडियों में जाते हैं तो यह देख कर बहुत पीड़ा होती है कि किसान फसल की भरी हुई ट्राली वापिस लेकर जाते हैं और पूछने पर किसान बताता है कि उसकी फसल खरीदने वाला कोई नहीं है।
भाजपा सरकार की एक ही नीति है कि ऐसे कानून बनाओ जिससे किसानों से उनकी जमीन छीन कर अडानी और अंबानी जैसे बड़े घरानों का कब्जा हो। आज देश का हर नागरिक चाहे किसी भी धर्म और मजहब को मानता हो किसी भी जाति या वर्ग से जुड़ा हो चाहे हिंदू है, सिख है, मुस्लिम है या इसाई है, हरिजन है या बैक्वर्ड है, व्यापारी है या कर्मचारी है, कारखानेदार है या मजदूर है, व्यापारी है या छोटा दुकानदार है, चाहे किसान है या कमेरा है सभी की हालत दयनीय है।
उन्होंने कहा कि जब इनेलो का राज आया था तो उन्होंने काम के लिए लोगों को सरकार के पास चक्कर काटने जैसी परंपरा को बदल दिया था तब 'सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत सरकार स्वयं लोगों तक पहुंच कर समस्याओं को सुनती थी और उनका मौके पर निपटारा करती थी। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के एक-एक गांव में जाकर एक-एक व्यक्ति से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि उन पर झूठा इल्जाम लगा की उन्होंने गलत लोगों को नौकरी दी और दस साल की सजा हुई लेकिन नौकरी वाले तो तरक्की कर गए और नौकरी दिलाने वाला सजा पर सजा काटता रहा। उन्होंने कहा कि 32 सौ बच्चों को नौकरी देने के लिए दस साल की सजा हुई अबकी बार सरकार बनने पर हर पढ़े-लिखे बच्चे को नौकरी देंगे, इसके लिए चाहे फांसी टूटना पड़े। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वोटों की राजनीति नहीं करेगी और प्रदेश के सभी बच्चों को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी देंगे चाहे वो हमें वोट दे या न दे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गलत कानून बने हैं वो निश्चित रूप से बदले जाएंगे और इन गलत कानूनों को बनाने वाली सरकार का भी पतन होगा। उन्होंने धरने पर बैठे किसानों के लिए एक वाटर कूलर और चार एयर कूलर भी दिए।