उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे ओमप्रकाश चौटाला, पढ़ें कहां से हुई थी उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत

ओमप्रकाश चौटाला 3 उपचुनाव जीत कुल 7 बार निर्वाचित हुए विधायक, एक बार रहे राज्य सभा सांसद और पांच बार बने मुख्यमंत्री।;

Update: 2021-06-25 14:30 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा के कुल पांच बार मुख्यमंत्री रहे और इनेलो पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला, जिन्हे जनवरी, 2013 में प्रदेश के जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में दोषी पाए जाने पर दिल्ली की सीबीआई कोर्ट द्वारा दस वर्ष कारवास की सजा दी गई थी, उसमें से 9 वर्ष 6 महीने की सजा (विभिन्न छूटों सहित ) पूर्ण होने के बाद उनकी शेष लंबित छः महीने की सज़ा दिल्ली सरकार द्वारा माफ़ कर दी गई है जिस कारण अगले सप्ताह तक कानूनी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद वह रिहा हो जाएंगे।

आगामी कुछ माह में सिरसा ज़िले की ऐलनाबाद सीट का उपचुनाव भी होना है, जहां से अक्टूबर, 2019 विधानसभा आम चुनावों में उनके छोटे पुत्र अभय सिंह चौटाला विधायक निर्वाचित हुए थे परन्तु इसी वर्ष 27 जनवरी को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। हालांकि इस सीट का उपचुनाव सीट रिक्त होने के छः माह के भीतर अर्थात आगामी 27 जुलाई से पहले हो जाना चाहिए, परन्तु गत माह भारतीय चुनाव आयोग द्वारा निर्णय लिया गया है कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हालात सामान्य होने के बाद ही उपचुनाव करवाया जाएगा।

बहरहाल, अब क्या ओमप्रकाश चौटाला ऐलनाबाद उपचुनाव लड़ सकते हैं, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि यह इस पर निर्भर करेगा कि क्या भारतीय चुनाव आयोग उनकी चुनाव लड़ने सम्बन्धी अयोग्यता अवधि को आरपी एक्ट (कानून), 1951 की धारा 11 में हटाता है अथवा नहीं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट), 1988 में दोषी साबित होने कारण कानूनन ओमप्रकाश चौटाला रिहाई से 6 वर्षों तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते।

आज से 51 वर्ष पूर्व मई, 1970 में ओमप्रकाश चौटाला ने अपने राजनीतिक जीवन का पहला उपचुनाव ऐलनाबाद से ही जीता था जब उस सीट से 1968 विधानसभा आम चुनावों में निर्वाचित राव बीरेंदर सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी (वीएचपी ) के विधायक लाल चंद का चुनाव रद्द कर दिया गया था और उपचुनाव करवाना पड़ा था। उस समय बंसी लाल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे जबकि भजन लाल उनके मंत्रिमंडल में थे।

हेमंत ने आगे बताया कि जब जून, 1987 में देवी लाल प्रदेश के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने अगस्त, 1987 में ओमप्रकाश चौटाला को राज्य सभा सांसद बनवाया था। दरअसल, कांग्रेस के एमपी कौशिक जो अप्रैल, 1984 में राज्य सभा सांसद बने थे की मई, 1987 में मृत्यु के बाद रिक्त हुई सीट से पहले कुछ समय के लिए जनता दल के कृष्ण कुमार दीपक और फिर उनके त्यागपत्र के बाद चौटाला को शेष बची अवधि अर्थात अप्रैल, 1990 तक राज्य सभा सांसद बनाया गया। हालांकि राज्य सभा सांसद रहते हुए ओमप्रकाश  चौटाला प्रदेश के पहली बार 2 दिसंबर, 1989 को पहली बार मुख्यमंत्री बने। चूँकि चुनावी हिंसा के कारण दो बार महम विधानसभा उपचुनाव रद्द करना पड़ा था, इसलिए ओमप्रकाश चौटाला ने मई, 1990 में सिरसा के दरबा कलां से उपचुनाव जीता। फिर वर्ष 1993 में नरवाना उपचुनाव जीता. उसके बाद 1996, 2000, 2005 और 2009 विधानसभा आम चुनावों में नरवाना, रोड़ी, उचाना कलां और ऐलनाबाद सीटों से चुनाव जीता।

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