Online Study करने वाले सावधान : टेक कंपनियों की धोखाधड़ी से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी
छात्रों, अभिभावकों समेत सभी भागीदारों को यह साफ तौर पर बताया गया है कि किसी भी टेक कंपनी के ऑनलाइन कोर्स, ट्यूशन या विषय पर पढ़ाई की शुरुआत करने पर पहले संबंधित टेक कंपनी द्वारा बताए जा रहे लोकलुभावन वादों या बातों पर तत्काल अमल या विश्वास ना करें।;
शिक्षा के क्षेत्र में बढ़े तकनीक के महत्व की वजह से प्रतियोगी परीक्षाओं (आईआईटी-जेईई, नीट) की ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाली टेक कंपनियों की धोखाधड़ी से बचने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसमें छात्रों, अभिभावकों समेत सभी भागीदारों को यह साफ तौर पर बताया गया है कि किसी भी टेक कंपनी के ऑनलाइन कोर्स, ट्यूशन या विषय पर पढ़ाई की शुरुआत करने पर पहले संबंधित टेक कंपनी द्वारा बताए जा रहे लोकलुभावन वादों या बातों पर तत्काल अमल या विश्वास ना करें।
किसी भी मामले में आगे बढ़ने से पहले काफी सावधानी और सतर्कता बरतें। वरना आगे चलकर काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मंत्रालय ने खासतौर पर शक्षिा क्षेत्र की टेक कंपनी द्वारा दी जा रही फ्री सर्विस के ऑप्शन को भली भांति जांचने परखने की सलाह भी दी है। मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने यह दिशा-निर्देश कुछ टेक कंपनियों द्वारा अभिभावकों को फ्री सर्विस, इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर और ऑटो डेबिट जैसे फीचर के प्रयोग को लेकर खासतौर पर संकटग्रस्त परिवारों को दिए जा रहे प्रलोभन के मामलों पर संज्ञान लेते हुए जारी किए गए हैं।
दिशा -निर्देशों के मुख्य बिंदु
मंत्रालय ने सभी पक्षों को फीस भरने के लिए ऑटोमेटिक डेबिट ऑप्शन का प्रयोग ना करने, आईपी एड्रेस पर दिए जाने वाले लर्निंग सॉफ्टवेयर से जुड़ी हुई शर्तों को ध्यान से पढ़ें, शिक्षा कंटेंट से युक्त किसी भी ऐप या डिवाइस को खरीदने से पहले टैक्स इनवाइस स्टेटमेंट की मांग करें, अपनी पसंद की टेक कंपनी को सब्सक्राइब करने से पहले उसके बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर लें, एजुकेशन कंटेंट की गहराई से पड़ताल करें, पेमेंट से पहले अपने सभी भम्र दूर करें और सवालों के जवाब हासिल करें। ऐप पर पैरेंटल कंट्रोल और अन्य प्रकार के सेफ्टी फीचर्स से जुड़ें, अपने बच्चों को सिखाएं कि एजुकेशन ऐप में कुछ ऐसे फीचर्स हैं जो ज्यादा से ज्यादा खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, उनसे दूरी बनाकर रखें। छात्रों और अभिभावकों के ऑनलाइन रिव्यू को महत्व दें और उस पर नजर बनाए रखें। बाकी लोगों के भले के लिए अपने सुझाव भी देते रहें। इसके अलावा स्पैम कॉल, किसी भी एजुकेशन पैकेज के लिए जबरन हस्ताक्षर करने और बच्चों की सुरक्षा के लिए जारी की गई प्रज्ञा गाइडलाइन को गंभीरता से पढ़ना शामिल है।
इन चीजों को करने से बचें
मंत्रालय का ये भी कहना है कि एजुकेशन कंपनियों के विज्ञापनों पर आंख बंद करके विश्वास ना करें। ऐसे किसी भी लोन पर हस्ताक्षर ना करें जिसके बारे में आपको जानकारी ना हो, बिना जांच-परखने के बाद किसी भी मोबाइल टेक कंपनी के ऐप को डाउनलोड ना करें। सब्सक्रप्शिन के लिए ऐप से क्रेडिट या डेबिट कार्ड के रजिस्ट्रेशन से बचें, अपने ईमेल, कॉंटेक्ट नंबर और अन्य जानकारी को साझा करने से बचें, किसी भी व्यक्तिगत फोटो या वीडियो को शेयर करने से बचें, बिना वेरिफाई किए हुए कोर्सेज को सब्सक्राइब करने से बचें, टेक कंपनियों द्वारा साझा की जा रही सक्सेस स्टोरीज पर भरोसा ना करें, बिना अभिभावकों की सहमति के कोई भी खरीद ना करें, किसी भी मार्केटिंग के व्यक्ति को अपनी पर्सनल डिटेल या ओटीपी साझा ना करें। किसी भी लिंक या स्क्रीन पर आ रहे पॉप अप लिंक पर क्लिक ना करें।