पीटीआई के आश्रितों की आर्थिक सहायता बंद करने का विरोध

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मृतक पीटीआई के आश्रितों को मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता (financial help) बंद करने के फैसले को शर्मनाक और अमानवीयता भरा फैसला बताते हुए इसका विरोध करने की चेतावनी दी है।;

Update: 2020-07-06 04:52 GMT

चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेशों पर नौकरी से बाहर किए पीटीआई के मामले में मृतक पीटीआई (PTI) के आश्रितों की आर्थिक सहायता  भी बंद कर दिए जाने पर सर्व कर्मचारी संघ नेताओं ने हुंकार भरी है। नेताओं ने पहले नौकरी से निकाल देने व अब मरने वाले पीटीआई के आश्रितों की आर्थिक सहायता भी बंद कर दिए जाने का आदेश हर जिले में भेज देने पर आपत्ति जताई है। मृतक पीटीआई के आश्रितों को मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता बंद करने के फैसले को शर्मनाक और अमानवीयता भरा फैसला बताते हुए इसका विरोध करने की चेतावनी दी है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत हस्तक्षेप करने और निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा, पंचकूला के आदेशों को वापस लेने की मांग की है। प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा और महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि निदेशक, मौलिक शिक्षा हरियाणा पंचकूला ने 27 मई,2020 को सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज मृतक पीटीआई के आश्रितों को मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता बंद करने के आदेश जारी किए हैं। निदेशक के आदेश मिलते ही जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों ने खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर मासिक वित्तीय सहायता बंद करने के आदेश दिए हैं और आखिरकार खंड शिक्षा अधिकारियों ने यह सहायता बंद कर दी है। जिसके कारण 2010-11 से 2019 के बीच अकाल मृत्यु का शिकार हुए करीब 39 पीटीआई के आश्रितों के सामने भारी आर्थिक संकट पैदा हो गया है। क्योंकि मृतक आश्रित के परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं है, जिससे वह परेशान है। 

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