Palwal : लद्दाख में शहीद हुए मनमोहन का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
- शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़ ने किया भारत माता की जय का उद्घोष
- केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर व करनाल के सांसद संजय भाटिया ने पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
- शहीद के एक वर्षीय मासूम पुत्र अर्पित ने अपने दादा की गोद में बैठकर दी चिता को मुखाग्रि
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Palwal : जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में शहीद हुए गांव बहीन के मनमोहन की सोमवार को अंतिम यात्रा में हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। भारत माता की जय, वंदेमातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा- मनमोहन तेरा नाम रहेगा के नारों से आकाश गुंजायमान हो उठा। सेना की टुकड़ी ने सेना की परम्परा अनुसार उन्हें अंतिम सलामी दी। एक वर्षीय पुत्र अर्पित ने अपने दादा बाबू राम की गोद में बैठकर शहीद पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।
शहीद के गांव बहीन में ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल छाया हुआ था। केएमपी रोड से लेकर बहीन गांव तक लगभग 10 किलोमीटर तक तिरंगा झंडा लगे वाहनों के काफिले के साथ सेना के उस वाहन को लाया गया, जिसमें शहीद मनमोहन का पार्थिव शरीर रखा हुआ था। गांव में शहीद के पार्थिव शरीर के पहुंचने पर उसके अंतिम दर्शन करने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। महिलाओं व बच्चों ने अपने घरों की छतों पर चढ़कर अश्रुपूर्ण नेत्रों से शहीद मनमोहन के अंतिम दर्शन किए। इस मौके पर केंद्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, करनाल के सांसद संजय भाटिया ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं, पूर्व मंत्री हर्ष कुमार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, पूर्व विधायक रामजीलाल डागर ने भी श्रद्धासमन अर्पित किए।
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