हिंदू महापंचायत में कई फैसले : बृजमंडल शोभायात्रा दोबारा निकाली जाएगी, नूंह हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग

पलवल जिले के पोंडरी गांव में रविवार को आयोजित हुई हिंदू महापंचायत में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया जिसमें सोना तावडू के विधायक संजय सिंह ने भी हिस्सा लिया इस महापंचायत की अध्यक्षता अरुण जैलदार के द्वारा की गई तकरीबन 5 घंटे तक चली इस महापंचायत में दर्जनों गणमान्य लोगों ने अपना संबोधन दिया।;

Update: 2023-08-13 13:03 GMT

नूंह हिंसा (Nuh Violence) के बाद पलवल जिले के पोंडरी गांव में रविवार को हुई हिंदू महापंचायत में 51 सदस्यीय कमेटी ने बड़े व कड़े फैसले लिए हैं। पंचायत में फैसला लिया है की बृजमंडल शोभायात्रा आगामी 28 अगस्त को दोबारा निकाली जाएगी। इसके अलावा महापंचायत में फैसला लिया है की हिंसा मामले की जांच एनआईए को सौंपी जाए। इतना ही नहीं नूंह हिंसा के दौरान जितने भी लोग मारे गए हैं, उनके परिजनों को एक -एक करोड़ रुपये का मुआवजा सरकार के द्वारा दिया जाए साथ ही सरकारी नौकरी भी दी जाए। घायलों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद की जाए। आरएएफ या किसी अन्य एजेंसी का स्थाई मुख्यालय नूंह में स्थापित किया जाए। हथियारों के लाइसेंस बनवाने के लिए विशेष रियायत दी जाए। हिंसा के दौरान गाड़ी जली, मकान व दुकान में तोड़फोड़ व आगजनी का आंकलन कर पूरा मुआवजा दिया जाए इत्यादि मांग प्रमुख हैं। महापंचायत में रतन सौरोत की तरफ से फैसला पढ़कर सुनाया गया।

पलवल जिले के पोंडरी गांव में रविवार को आयोजित हुई हिंदू महापंचायत में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया जिसमें सोना तावडू के विधायक संजय सिंह ने भी हिस्सा लिया इस महापंचायत की अध्यक्षता अरुण जैलदार के द्वारा की गई तकरीबन 5 घंटे तक चली इस महापंचायत में दर्जनों गणमान्य लोगों ने अपना संबोधन दिया। सबसे खास बात तो यह है कि जुनैद - नासिर हत्याकांड मामले में राजस्थान पुलिस की चार्जशीट में शामिल बजरंग दल व गौरक्षा दल से जुड़े आचार्य आजाद भी इस महापंचायत में शामिल हुए और उन्होंने भी अपनी बात रखी। 

कुल मिलाकर रविवार को हुई इस महापंचायत पर शासन व प्रशासन से लेकर देशभर के लोगों की नजरे टिकी हुई थी। करीब 5 घंटे चली इस पंचायत में अब कड़े व बड़े फैसले ले लिए गए हैं। अब देखना यह है कि इस पंचायत में लिए गए फैसले के बाद आगामी 28 अगस्त को नलहरेश्वर शिव मंदिर से शुरू होने वाली शोभायात्रा को जिला प्रशासन की अनुमति मिलती है या नहीं। कुल मिलाकर इस पंचायत के बाद अब इलाके में दूसरे पक्ष की भी पंचायत देखने को मिल सकती है।

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