पंचायत मंत्री और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों में नहीं बनी मांगों पर सहमति
चौथे दौर की वार्ता में फिर मंत्री ने सिर्फ आश्वासन ही दिया, जिससे खफा होकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को जारी रखने का ऐलान कर दिया।;
हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद/टोहाना।
पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली (Devender Singh Babli) और ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा, सीटू के बीच हुई वार्ता में सफाई कर्मचारियों की मांगों का कोई हल नहीं हुआ। चौथे दौर की वार्ता में फिर मंत्री ने सिर्फ आश्वासन ही दिया, जिससे खफा होकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को जारी रखने का ऐलान कर दिया। बता दें कि 25 जून को ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने मंत्री के विधानसभा कार्यालय टोहाना में पर प्रदर्शन किया था तथा उसके बाद मंत्री से यूनियन प्रतिनिधिमंडल को वार्ता का समय दिया था, लेकिन मंत्री खुद 2 घण्टे से ज्यादा लेट आये। वार्ता के लिए यूनियन के राज्य महासचिव विनोद कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बसाऊराम, कोषाध्यक्ष संदीप सिंह, उपप्रधान बलबीर सिंह, सचिव राकेश कुमार, राज्य कमेटी सदस्य सोनू, बेगराज के इलावा हरपाल सिंह, अमित कुमार और हरपाल शामिल थे।
मंत्री के साथ बातचीत में स्थाई नौकरी और न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये देने, बीडीपीओ के पेरोल पर लेने, 400 की आबादी पर एक कर्मचारी लगाने, वेतन को महंगाई के साथ जोड़ने, सहमति अनुसार काम के औजार का वार्षिक भत्ता देने, धुलाई भत्ता भुगतान करने एवं वेतन बढ़ोतरी के साथ वार्षिक बढ़ोतरी का लाभ देने आदि मांग उठाते हुए कहा कि 16 साल बीत जाने के बाद भी सफाई कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जा रहा। बढ़ती महंगाई ने कर्मचारियों की कमर तोड़ दी है लेकिन वेतन बढ़ोतरी नहीं की जा रही। हाजरी के नाम पर आज अधिकतर सफाई कर्मियों से गांव मे ली जा रही बेगार पर कोई अंकुश नही लगाया जा रहा। यूनियन नेताओं ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ द्वारा ग्रामीण सफाई कर्मियों को हरियाणा रोजगार कौशल निगम में शामिल करने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि अगर हरियाणा के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रोजगार कौशल निगम में शामिल करने का कदम उठाया तो उसके खिलाफ पूरे प्रदेश के सफाई कर्मचारी स?कों पर उतरकर विरोध करेंगें। यूनियन नेताओं ने कहा कि 16 साल से जो समाज की सेवा कर रहे हैं उनको स्थाई कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए ना की रोजगार कौशल में कवर करके 11 महीने की ये कच्ची नौकरी।
यूनियन नेताओं ने कहा कि तीन दौर की वार्ता पंचायत मंत्री पहले कर चुके हैं और आज चौथी बार वार्ता हुई, लेकिन वार्ता में मंत्री ने कोई ठोस बात कहने की बजाय एक बार फिश्र आश्वासन ही दिया। जिससे साफ जाहिर हो चुका है कि भाजपा-जजपा गठबंधन की ये सरकार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों का समाधान करने की बजाय और ज्यादा का शोषण करना चाहती है। मंत्री और सरकार के इस उपेक्षापूर्ण व्यवहार के खिलाफ हरियाणा के ग्रामीण सफाई कर्मचारी 8 जुलाई को केबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के आवास पर फरीदाबाद में, 9 जुलाई को भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड के आवास पर झज्जर में और 16 जुलाई को सीएम सिटी करनाल में प्रदर्शन करेंगे और 23 जुलाई को रोहतक में होने वाली रा'य स्तरीय कार्यकर्ता बैठक में बड़े आंदोलन की घोषणा करेंगें।
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