पीएम किसान सम्मान निधि : अब किसान दंपतियों के अलग-अलग सम्मान पर भी चलेगी कैंची

सरकार ने ऐसे दम्पतियों की पहचान करनी शुरू कर दी है। पहचान का काम पूरा होने के बाद तुरंत इनको किसान निधि योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। गाइडलाइन के अनुसार पति-पत्नी में से किसी एक को ही पीएम किसान निधि के 2 हजार रुपये मिलेंगे।;

Update: 2021-06-14 05:52 GMT

अमरजीत एस गिल : रोहतक

उन किसान दम्पतियों को यह खबर परेशान करेगी जो प्रधानमंत्री किसान निधि योजना का अलग-अलग लाभ एक ही घर में ले रहे हैं। सरकार ने ऐसे दम्पतियों की पहचान करनी शुरू कर दी है। पहचान का काम पूरा होने के बाद तुरंत इनको किसान निधि योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। गाइडलाइन के अनुसार पति-पत्नी में से किसी एक को ही पीएम किसान निधि के 2 हजार रुपये मिलेंगे। यह भी हो सकता है कि जो दम्पति पैसा ले चुके हैं, उनसे सरकार रिकवरी भी कर ले। गत दिनों सरकार ने 3 हजार से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि योजना से बाहर कर दिया है, जो आयकर दाता हैं। सरकार ने इनसे रिकवरी करने के आदेश भी दिए हैं। नियमानुसार कोई भी आयकर दाता प्रधानमंत्री किसान निधि सम्मान योजना का लाभ नहीं ले सकता। गत दिनों आयकर दाता किसानों की सम्मान निधी बंद कर दी गई थी। अब पति-पत्नी में से एक को निधी देने के लिए सरकार की तरफ से तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं।

1 दिसम्बर 2018 को केंद्र सरकार ने योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत हर किसान को सरकार की तरफ से किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6,000 रुपये प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र किसान को तीन किश्तों में भुगतान किया जाता है। यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है। चूंकि अप्रैल-मई 2019 में लोकसभा के चुनाव प्रस्तावित थे। इसलिए योजना की शुरुआत से पहले दिसम्बर 2018 में केंद्र सरकार ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं की कि योजना का लाभ किसे दिया जाएगा और किसे नहीं। जिसकी वजह से किसानों ने योजना में पंजीकरण करवा लिया।

फरवरी 2019 में योजना का लाभ मिलना उस समय शुरू हुआ, जब किसानों के बैंक खातों में 2-2 हजार रुपये जमा हुए। फरवरी के मई-जून में दूसरी किस्त केंद्र सरकार ने जमा करवा दी। यहां यह भी बताते चलें कि अप्रैल-मई 2019 में लोकसभा चुनाव भी हो रहे थे। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हुई तो योजना को सिकोड़ना शुरू कर दिया और केप भी लगा दिए गए। कहने का सार यह है कि स्पष्ट गाइडलाइन जारी करने का दौर केंद्र सरकार ने प्रारम्भ कर दिया। पति-पत्नी में से एक को स्कीम का लाभ मिलेगा। किसान आयकर दाता है उसे योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। कई और ऐसे निर्देश जारी किए गए। जिससे कम से कम बजट में योजना को चलाए जाए। इसके साथ ही सरकार सरकार ने पांच की बजाय दस एकड़ किसानों को स्कीम में शामिल कर लिया।

पिछले दो साल से भी अधिक समय प्रदेश में परिवार पहचान पत्र बनाने का कार्य जारी है। जिस दिन यह कार्य पूरा हो जाएगा, उस दिन यह डाटा भी उजागर होगा कि कितने दम्पति पीएम किसान निधि योजना का अलग-अलग लाभ ले रहे हैं। फिलहाल यह पकड़ मेें इसलिए नहीं आ रहे है कि नाम की वर्तनी में थोड़ा बहुत अंतर है। परिवार पहचान पत्र बनते ही पूरे परिवार की आय का साधन क्या है, इसका पूरा डाटा सरकार के पास होगा। आय में पीएम किसान निधि का पैसा लिया जा रहा है या नहीं। एक परिवार में कितने लोग यह लाभ ले रहे हैं। सब कुछ सरकार के पास होगा।

यह हकीकत भी जानें

योजना में शामिल एक किसान परिवार को प्रतिदिन 16 रुपये 66 केंद्र सरकार देती है। फसल तैयार करने के लिए इस पैसे से खाद-बीज और रसायन खरीदना तो बहुत ही दूर की कौड़ी है। किसान खेत में काम करते हुए थकान उतारने के लिए खेत की मेढ़ पर बैठकर एक बीड़ी पीए तो, बीड़ी का एक बंडल भी 16 रुपये 66 पैसे का मिलता नहीं है। फसल तैयार करने में किसान डीजल का प्रयोग करता है। फरवरी 2019 में जब प्रधानमंत्री किसान निधि सम्मान योजना का श्रीगणेश हो रहा था तो प्रदेश में डीजल के रेट 63-65 रुपये प्रति लीटर थे। अब सवा दो साल बाद डीजल का भाव प्रति लीटर 86-88 रुपये है। यानि के 23-25 रुपये प्रति लीटर की बढ़़ोतरी सरकार डीजल में कर चुकी है। एक एकड़ में अगर किसान को महीने में तीन-चार बार डीजल पम्प सेट चलाकर सिंचाई करनी पड़ जाए तो 1100-1500 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। जबकि प्रधानमंत्री किसान निधि से उसे प्रति महीने 500 रुपये ही मिलेंगे।

सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक पति-पत्नी में से केवल एक ही पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले सकता है। अगर दम्पति अलग-अलग लाभ ले रहे हैं तो वह गलत है। -विनोद हुड्डा सांख्यिकी सहायक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग रोहतक

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