जानिए क्या है रोहतक के पहरावर गांव की जमीन का विवाद, जिसको लेकर गरमा गई है हरियाणा की राजनीति
2009 में पहरावर की 16 एकड़ जमीन गांव ने गौड़ शिक्षण संस्थाओं को 33 साल के पटे पर दी थी। लेकिन अब नगर निगम ने यहां बोर्ड लगा रखा है और इसे अपनी मलकियत बता रहा है।;
हरिभूमि न्यूज : रोहतक
रोहतक जिले के पहरावर गांव में रविवार को हुए परशुराम जयंती समारोह ने प्रदेश की राजनीति गरमा दी है। रविवार को रोहतक से सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने मंच से अपनी ही सरकार को जमकर घेरा। ब्रह्मणों की अनदेखी का आरोप लगाया। नारनौद के विधायक रामकुमार गौतम ने भी कसर नहीं छोड़ी। वहीं बादली के विधायक कुलदीप वत्स ने भी पहरावर की जमीन को लेकर खुली जंग का ऐलान कर दिया।
सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व सहकारिता मंत्री और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। सांसद ने कहा कि सरकार चाहे तो दो घंटे में जमीन का विवाद सुलझा सकती है, मुख्यमंत्री जमीन देने के लिए राजी भी थे, लेकिन बहकावे में आने के बाद उन्होंने जमीन से संबंधित कागज नहीं दिए। उन्होंने चेतावनी भी दे डाली कि सरकार एक महीने में पहरावर की जमीन गौड़ शिक्षण संस्थाओं को दे नहीं तो वे खुद इसी जगह धरने पर बैठ जाएंगे। इसक अलावा भी सांसद ने कई तरह के आरोप सरकार पर लगाए। उन्होंने कहा कि ग्रोवर ने मुख्यमंत्री को बहकाया इसलिए जमीन मिलने में देरी हो रही है।
यह है जमीन का विवाद
दरअसल 2009 में पहरावर की 16 एकड़ जमीन गांव ने गौड़ शिक्षण संस्थाओं को 33 साल के पटे पर दी थी। लेकिन अब नगर निगम ने यहां बोर्ड लगा रखा है और इसे अपनी मलकियत बता रहा है। संस्था से जमीन के लिए 8 करोड़ रुपये का डेवलपमेंट चार्ज मांगा जा रहा है। अभी तक यह जमीन संस्थाओं को नहीं दी गई। इसी जमीन को पिछले महीने से विवाद चल रहा है। इसी बीच चेतावनी देते हुए नवीन जयहिंद ने पहरावर की इसी जमीन पर परशुराम राम जयंती समारोह का आयोजन किया। इसमें पूरे प्रदेश से लोग फरसे लेकर आए हुए थे।
हमने कब्जा ले लिया
परशुराम जयंती समारोह के आयोजक नवीन जयहिंद ने कहा कि रविवार को 37 बिरादरी के सहयोग से ब्राह्मणों की जमीन का कब्जा छुड़वा लिया। हजारों युवा फरसे लेकर परशुराम जयंती समारोह में पहुंचे। जयहिन्द ने कहा कि 26 जून को दिल्ली जंतर-मंतर पर एकत्रित होंगे या तो कश्मीरी पंडितों की हत्याओं को बंद करवाने की मांग उठाएंगे। जयहिन्द ने कहा कि यह धर्मयुद्ध की शुरुआत है। जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बना है उसी प्रकार रोहतक में भी भगवान परशुराम का मंदिर बनेगा और इसी जमीन पर स्कूल, कॉलेज व हॉस्पिटल बनाए जाएंगे। नवीन जयहिंद ने कहा कि 13 साल हो चुके है जो कि ब्राह्मण समाज के लोग धक्के कहा रहे है लेकिन जमीन नही दे रही सरकार। हम आठ करोड़ क्या आठ आने व 1 इंच भी जमीन सरकार को नही देंगे। बता दें कि समारोह में ब्राह्मण समाज व अन्य समाज ने नवीन जयहिन्द को 2 करोड़ व 3 गाड़ी देने की बात कही।
मेरी कैबिनेट ने गौड़ ब्राह्मण संस्था को दी थी पहरावर गांव की जमीन, कोई इसे छीन नहीं सकता- हुड्डा
उधर पूर्व सीएम हुड्डा ने रोहतक में पत्रकार वार्ता में कहा कि मेरी कैबिनेट ने पहरावर गांव की जमीन गौड़ ब्राह्मण संस्था को दी थी। इसलिए कोई सरकार उसे छीन नहीं सकती। जमीन गौड़ ब्राह्मण संस्था की थी, है और रहेगी। उन्होंने पहरावर जमीन विवाद को लेकर कहा कि उनकी सरकार के दौरान बाकायदा कैबिनेट ने पूरी प्रक्रिया के तहत फैसला लिया था। कांग्रेस सरकार ने नाममात्र के रेट पर 33+33+33 साल के लिए संस्था को जमीन लीज पर दी थी। आज भी जमीन पर संस्था का ही अधिकार है। इसलिए अगर बीजेपी-जेजेपी सरकार इस फैसले से खिलवाड़ करती है तो कांग्रेस डटकर इसका विरोध करेगी।
ब्राह्मण समाज की जमीन का उपयोग समाज की भावनाओं के अनुसार होना चाहिए : दीपेेंद्र
उधर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने गौड़ ब्राह्मण संस्थाओं को पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि वो पूरी तरह से ब्राह्मण समाज, पहरावर गाँव व गौड़ ब्राह्मण संस्थाओं के साथ हैं। सरकार ब्राह्मण समाज की भावनाओं से खिलवाड़ न करे। कांग्रेस की पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार ने कैबिनेट मीटिंग के जरिये पहरावर गांव की इच्छानुसार गौड़ ब्राह्मण संस्था को जमीन स्थानान्तरित की थी। अब इस जमीन पर पूरा हक गौड़ ब्राह्मण संस्था का है। ये जमीन गौड़ ब्राह्मण संस्था की थी, है और रहेगी। कोई भी सरकार गौड़ ब्राह्मण संस्था को इस जमीन के हक से वंचित नहीं कर सकती। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार अविलंब निर्णय ले, नहीं तो इस सरकार को खामियाजा भुगतना होगा। 36 बिरादरी का समर्थन ब्राह्मण समाज की जायज मांग के साथ है।