गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहें...50 महिलाओं ने 75 हजार रुपये एकत्रित कर खोल दिया बुक बैंक

अंबाला : कक्षा 9वीं से 12वीं तक के अनाथ, फादरलेस और जरूरतमंद बच्चों को यह किताबें निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। पहली कड़ी में राम बाग रोड स्थित राजकीय स्कूल के 30 बच्चों को किताबें वितरित की गई हैं।;

Update: 2022-05-20 07:35 GMT

हरिभूमि न्यूज : अंबाला

अब गरीब व जरुरतमंद बच्चों को किताबों की कमी नहीं होगी। इसके लिए बटर फ्लाई सोशल संगठन ने बुक बैंक खोला है। छावनी के राम बाग रोड स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में खुले बुक बैंक का शुभारंभ वीरवार को डीईओ सुरेश कुमार ने किया। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के अनाथ, फादरलेस और जरूरतमंद बच्चों को यह किताबें निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। पहली कड़ी में राम बाग रोड स्थित राजकीय स्कूल के 30 बच्चों को किताबें वितरित की गई हैं। इसके लिए बटर फ्लाई सोशल संगठन से जुड़ी 50 महिलाओं ने 75 हजार एकत्रित किए थे। फिर कक्षा 9वीं से 12वीं तक के जरूरतमंद बच्चों के लिए किताबें खरीदीं।

उनका कहना है कि वह धीरे-धीरे इस बुक बैंक को आगे बढ़ाएंगी ताकि कोई बच्चा किताबों के चलते पढ़ाई से वंचित न रहे। जिन बच्चों को किताबें मिली हैं, उन्हें शैक्षणिक सत्र खत्म होने पर किताबें बुक बैंक में जमा करानी होंगी। संगठन की प्रधान ममता गोयल ने कहा कि पौधा रोपण कार्यक्रम के साथ आज से 4 साल पहले बटर फ्लाई सोशल संगठन का गठन किया था। उस वक्त मात्र 15 महिलाएं संगठन से जुड़ी थीं, लेकिन अब संगठन के साथ 50 से अधिक गृहिणी, शिक्षिका और डॉक्टर जुड़ी हुई हैं। जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने महिलाओं की मुहिम का तहेदिल से आभार जताया। उन्होंने कहा कि गरीब व जरुरतमंद बच्चों की ऐसी मदद की बेहद जरुरत रहती है।

आमतौर पर बेहद कम लोग ऐसे बच्चों के लिए आगे आते हैं। इसी वजह से सुरेश कुमार ने महिला संगठन की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि महिलाओं का यह प्रयास कई बच्चों के भविष्य में खुशियों का रंग बिखेरेगा। डीईओ ने कहा कि काफी बच्चे ऐसे होते हैं जोकि किताबें नहीं खरीद पाते। मगर संगठन की मुहिम का असर पूरे समाज पर पड़ना लाजिमी है। उन्होंने दूसरी सामाजिक संस्थाओं से भी बटर फ्लाई संगठन से सीख लेने का आग्रह किया है ताकि इस मुहिम को विस्तार मिल सके।

इस्तेमाल के बाद वापिस करनी होंगी किताबें

स्थापित किए गए बुक बैंक से गरीब व जरुरतमंद बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें पूरी तरह निशुल्क मिलेंगी। इसके लिए उन्हें किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। हालांकि पढ़ाई पूरी करने के बाद इन बच्चों को ये किताबें वापिस करनी होती ताकि बाद में दूसरे बच्चे इन किताबों का इस्तेमाल कर पाएं। अभी जिन बच्चों को ये किताबें उपलब्ध करवाई गई हैं उनसे यह भी आग्रह किया गया कि वे इनकी सही से देखभाल करें ताकि किताबों को किसी तरह का नुकसान न हो। संगठन से जुड़ी महिलाओं ने शिक्षा अधिकारी को आश्वासन दिया कि नए शिक्षा सत्र में वे दूसरी कक्षाओं के लिए भी किताबें मुहैया करने का पूरा प्रयास करेंगी।

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