रोहतक पीजीआई में ओपीडी बंद करने की तैयारी, जीन स्कवेंसर मशीन आएगी
मेडीसन, हड्डी रोग विभाग, गायनी, ईएनटी और चेस्ट को छोड़कर सभी तरह की ओपीडी आने वाले दिनों में बंद हो सकती हैं। । हालातों को देखते हुए इस पर हेल्थ विवि के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ही फैसला लेंगे।;
हरिभूमि न्यूज:रोहतक
कोरोना वायरस (Corona virus) जैसे-जैसे हैवी होता जा रहा है, वैसे ही सतर्कता भी बढ़ती जा रही है। पिछले साल की तरह रोहतक पीजीआई (Rohtak PGI) में अब फिर ओपीडी बंद करने की तैयारी है। मेडीसन, हड्डी रोग विभाग, गायनी, ईएनटी और चेस्ट को छोड़कर सभी तरह की ओपीडी (OPD) आने वाले दिनों में बंद हो सकती हैं। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग (एमईआर) के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) आलोक निगम ने बुधवार को बैठक में ये निर्देश दिए हैं। हालातों को देखते हुए इस पर हेल्थ विवि के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ही फैसला लेंगे। वहीं पीजीआई में 3 करोड़ रुपये से जीन स्कवेंसर मशीन भी जल्द आ जाएगी। पीजीआई ने कोविड के लिए 115. 24 करोड़ का बजट एसीएस के सामने रखा।
जिस पर उन्होंने सहमति जता दी। चंडीगढ़ जाने के बाद इसे नियमानुसार अप्रूवल दे दी जाएगी। एमईआर के एसीएस आलोक निगम बुधवार को हेल्थ विवि पहुंचे थे। यहां उन्होंने स्वर्ण जयंती सभागार में बैठक की। लोक निगम ने सभी को सख्त हिदायत दी कि कोविड के लिए उपकरण, रेमडिसेवर सहित दवाइयां, सेनिटाइजर, ग्लब्स, पीपीई किट और ऑक्सीजन गैस समेत सभी तरह के सामान स्टॉक रखें। किसी भी मेडिकल कॉलेज को जो भी चीज चाहिए सरकार तुरंत उपलब्ध करवाएगी। कोरोना की गति बढ़ने से रोकनी होगी, इसके लिए कुछ भी करना हो। बैठक में कुलपति डॉ. ओपी कालरा, कुलसचिव डॉ. एचके अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पा दहिया, डॉ. वीके कत्याल, डॉक्टर ध्रुव चौधरी, डॉक्टर वरुण अरोड़ा आदि थे। डीएमईआर डॉ. शालीन मेडिकल कॉलेजों के निदेशक ऑनलाइन रूप से उपस्थित थे।
2019-20 के छात्रों की परीक्षा ऑन लाइन
बैठक में पीजीआई के डायरेक्टर डॉ. रोहताश यादव ने परीक्षाओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस के 2016-17 और 18 के छात्रों की परीक्षा तो पहले ही देरी से चल रही हैं। उन्हें पूरा करवा दिया जाएगा। लेकिन 2019-20 बैच के छात्रों की परीक्षा ऑनलाइन करवाई जाए। दोनों बैच में 250-250 छात्र हैं। इस पर एसीएस ने कहा कि पत्र भेजो इसे मंजूर करवाया जाएगा।
कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू : बैठक में चिकित्सकों ने बताया कि जिस तरह हर रोज कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं, उससे इनकार नहीं किया जा सकता कि यह वायरस की कम्यूनिटी स्प्रेड है। इसके लिए हर तरह के कदम उठाने होंगे। सोशल डिस्टेंस और मास्क का प्रयोग करने के लिए लोगों को जागयक किया जाए।
ये है जीन स्कवेंसर : जीन स्कवेंसर मशीन की सुविधा अभी तक दिल्ली और पूणे में है। इससे वायरस के रूप बदलने के बारे में पता चलता है। अब यह मशीन पीजीआई में भी आ जाएगी। यानी अब यहीं पता लग जाएगा कि वायरस किस रूप इस समय सक्रिय है। रूप बदला भी है या नहीं।
मरीज बढ़े तो लेना पड़ेगा सख्त फैसला
फिलहाल सभी विभागों की ओपीडी चल रही हैं, लेकिन मरीज ऐसे ही बढ़ते रहे तो सख्त फैसला लेना पड़ेगा। बैठक में इस पर चर्चा हुई है। एससीएस आलोक निगम ने निर्देश भी दिए हैं, लेकिन साथ ये भी कहा है कि स्थिति को देखते हुए कुलपति इस पर खुद फैसला लें। जीन स्कवेंसर मशीन जल्द खरीद ली जाएगी। हमने 115.24 करोड़ का बजट भेजा है। - डॉ. रोहताश यादव, डायरेक्टर, पीजीआईएमएस