हरियाणा : स्कूल बंद करने के आदेश पर भड़के सूबे के निजी स्कूल संचालक, बोर्ड परीक्षाओं पर छाया संकट

स्कूल संचालकों ने ऐलान किया कि वे बोर्ड परीक्षा में भी बोर्ड का साथ नही देंगे और परीक्षा के संचालन में कोई सहयोग उनकी तरफ से नहीं होगा। 15 अप्रैल को पूरे प्रदेश में स्कूल बसों की चाबियां डीसी को सौप देंगे।;

Update: 2021-04-10 14:10 GMT

हरिभूमि न्यूज.भिवानी/जींद

आठवीं कक्षा तक सभी स्कूल बंद करने के आदेशों का निजी स्कूल संचालकों ने विरोध कर दिया है। भिवानी में निजी स्कूल संचालकों ने शनिवार को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष व बीजेपी के टीचर सेल के अध्यक्ष रामावतार शर्मा की अगुवाई में आयोजित बैठक में  उन्होंने कहा कि सरकार निजी स्कूलों पर अपने आदेश थोप कर उन्हें बन्द करने की तैयारी में है। सरकार के अधिकारी अपनी बात थोप देते है जिसका मुख्यमंत्री व मंत्रियों को जानकारी तक नहीं होती।

व्यवस्था को दुरूस्त कर खोले जाएंगे स्कूल

वे अब सोमवार से स्कूलों में कोई छुट्टी नही करेंगे बल्कि व्यवस्था दुरुस्त करके स्कूलों को खोलेंगे। सरकार 1 से 8 तक के स्कूल बंद करने की बात कह रही है क्या 10वीं के बच्चे को कोरोना नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल से प्रदेश भर में बोर्ड की परीक्षा है ऐसे में बच्चे उनके स्कूलों में परीक्षा देने के लिए आएंगे जब उनके स्कूलों में कोरोना का खतरा है तो क्या उन बच्चों को कोरोना नहीं हो सकता। उन्होंने ऐलान किया कि वे बोर्ड परीक्षा में भी बोर्ड का साथ नही देंगे और परीक्षा के संचालन में कोई सहयोग उनकी तरफ से नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में 12 अप्रैल को वे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ से मुलाकात करेंगे ओर अपनी तकलीफ उन्हें बताएंगे। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को वे पूरे प्रदेश में अपने स्कूलों के बसों की चाबियां डीसी को सौप देंगे और पूरा दिन डीसी कार्यालय के बाहर सांकेतिक रूप से धरना भी देंगे।

जींद में भी विरोध

जींद में भी जिलेभर के प्राइवेट स्कूल संचालकों ने सोमवार से स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। जिसको लेकर बकायदा शनिवार को इंडस पब्लिक स्कूल में प्राइवेट स्कूल संचालकों की बैठक हुई। स्कूल संचालकों ने कोरोना संक्रमण का हवाला देकर आठवीं तक की कक्षाएं बंद किए जाने के फरमानों पर रोष जताया। लगभग दो घंटे चले मंथन के बाद निर्णय लिया गया कि सोमवार से सभी प्राइवेट स्कूल खोले जाएंगे। निजी स्कूल संचालकों का कहना था कि पिछला पूरा सैशन कोरोना के चलते बंद रहा। ऑन लाइन कक्षाएं स्टाफ द्वारा ली गई। स्कूल न लगने के कारण फीस भी अटक गई। स्कूलों में कार्यरत स्टाफ के सामने रोजी रोटी का संकट तो पैदा हुआ, साथ में निजी स्कूलों पर अतिरिक्त खर्च भी बढ़ गया है। 

रेवाड़ी में भी लिया निर्णय

शनिवार को एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रामपाल यादव की अध्यक्षता में आपात बैठक बुलाकर सरकार के इस निर्णय को मानने से इंकार करते हुए पहले ही तरह स्कूल खुले रखने की बात की है। बैठक के बाद जिला अध्यक्ष रामपाल यादव ने कहा कि बच्चों का भविष्य खतरे में है। इसके साथ ही हजारों लोगों का रोजगार छीन जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से व्यवस्था पटरी पर आई थी, लेकिन अब फिर से स्कूल बंद होने से कई परिवारों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जिले का कोई भी स्कूल ऐसा नहीं है जो केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा जारी एसओपी की पालना नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि स्कूल से कोरोना फैलने का कोई खतरा नहीं है।



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