मौत का सिरप : Maiden Pharma कंपनी के संचालन पर सरकार ने लगाई रोक, सभी दवाइयां देशभर में प्रतिबंधित, शुरुआती जांच में मिली गंभीर खामियां
यह पहली बार चर्चा में नहीं आई है। इससे पहले भी यह कंपनी निम्न स्तर की दवा बनाने के चलते दागदार रही है। वियतनाम सरकार ने जहां निम्न स्तर की दवाओं की आपूर्ति के लिए कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था।;
सोनीपत। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अलर्ट के बाद शुरुआती जांच में खामियां मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार दवा कंपनी मेडेन फार्मा (Maiden Pharma) का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। अब कंपनी को सील करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कंपनी की दवाओं पर देशभर में बिक्री पर रोक लगा दी गई है। अधिकारियों को कंपनी के कागजात की जांच में 12 स्तर पर गड़बड़ी मिलीं हैं। उसके बाद कंपनी का दवा निर्यात का लाइसेंस केंसिल कर दिया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) हरियाणा और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) नार्थ जोन गाजियाबाद की टीम की जांच में मिली गड़बड़ियों के बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है।अब शासन ने अधोमानक दवा के बनने और निर्यात होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जांच शुरू कर दी है।
अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत होने के दो सप्ताह बाद हरियाणा सरकार हरकत में आई है। गांबिया में दो सप्ताह पहले खांसी का सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत हो गई थी। वह सिरप सोनीपत के कुंडली में स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के बने हुए थे।बच्चों की मौत के बाद डब्ल्यूएचओ ने उन कफ सिरप की जांच कराई थी। जिसमें स्पष्ट हो गया था कि सिरप में साल्ट की मात्रा मानकों के अनुसार नहीं मिलाई गई है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बाद भारत सरकार व हरियाणा सरकार ने जांच शुरू कराई थी।केंद्र और राज्य के ड्रग अफसरों की जांच में कंपनी में 12 स्तर पर गड़बड़ी मिली थी। जांच में यह भी सामने आया था कि खांसी के उन सिरप की सप्लाई केवल विदेश में की जा रही थी।उनकी सप्लाई देश में नहीं थी।
देश में कंपनी की अन्य कई दवाओं की बिक्री की जा रही है।अब शासन ने मेडेन फार्मा दवा कंपनी के संचालन पर रोक लगा दी है। कंपनी में सभी प्रकार का उत्पादन, सप्लाई और आयात बंद कर दिया गया है। कंपनी की देश के बाजारों में उपलब्ध सभी दवाओं की बिक्री तत्काल रोक दी गई है। अब अधिकारी कंपनी को सील करने की तैयारी कर रहे हैं।वहीं कंपनी का दवा निर्यात करने का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है।वहीं गांबिया सरकार के भी मेडेन फार्मा की दवाओं के आयात पर रोक लगाने की जानकारी मिल रही है।कंपनी से संबंधित सिरप के तीन और एक अन्य दवा के सैंपल जांच को कोलकाता प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। वहां से अगले सप्ताह तक सैंपल की रिपोर्ट आने की उम्मीद की जा रही है।दवा कंपनी कफ सिरप की इन यूनिट प्रोसेस टेस्टिंग रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करा सकी है।
उत्पादन-निर्यात के लिए जिम्मेदार अफसरों पर होगी कार्रवाई
बच्चों की मौत का कारण माने जा रहे सिरप की निर्यात से पहले जांच नहीं की गई। वहीं दागदार होने के बावजूद कंपनी को उत्पादन में मनमानी छूट दी गई। कंपनी को लाइसेंस देने वाले सेंट्रल आफिसर, नियमानुसार निगरानी कराने वाले स्थानीय अधिकारियों और निर्यात से पहले विधिवत जांच कराने के जिम्मेदार स्टेट अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है। इनकी भूमिका संदिग्ध नजर आने के बाद जांच शुरू कर दी है। सबसे संदिग्ध भूमिका सोनीपत के अफसरों की मानी जा रही है, जिन्होंने समय रहते कंपनी में जाकर न तो उत्पादन की जांच की और न ही सैंपल लेकर जांच को भेजे।
कंपनी में 12 गड़बड़ी मिली हैं। उसके साथ ही कंपनी मेडेन फार्मा के संचालन पर रोक लगा दी गई है। कंपनी के सैंपल की रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा की जा रही है।उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। - अनिल विज, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री