जहर युक्त उत्पादों से छुटकारा दिलाने की अलख जगा रहे है प्रगतिशील किसान राजेश

खेड़ी सिकंदर के प्रगतिशील किसान राजेश कुमार को वर्ष 2016 में भारत हल्दर राष्ट्रीय अवार्ड, वर्ष 2017 में जैविक रत्न अवार्ड और उनके एफपीओ अमृत जैविक को वर्ष 2019 में हरियाणा अवार्ड से नवाजा जा चुका है।;

Update: 2022-03-08 12:18 GMT

कुरुक्षेत्र : देश और प्रदेश के सामने लोगों को जहर युक्त उत्पादों से छुटकारा दिलाने की एक सबसे बड़ी चुनौती है। इस भंयकर समस्या को दूर करने के लिए जहां केंद्र और राज्य सरकार हर भरसक प्रयास कर रही है, वहीं कैथल के गांव खेड़ी सिकंदर के प्रगतिशील किसान राजेश कुमार भी लोगों को जैविक और प्राकृतिक खेती के उत्पाद खरीदने की अलख जगा रहे है। अहम पहलू यह है कि इस प्रगतिशील किसान के प्रयास धीरे-धीरे रंग ला रहे है। यहां तक की आलाधिकारियों से लेकर आमजन उनके खेतों से उत्पाद खरीद रहे है।

खेड़ी सिकंदर के प्रगतिशील किसान राजेश कुमार को वर्ष 2016 में भारत हल्दर राष्ट्रीय अवार्ड, वर्ष 2017 में जैविक रत्न अवार्ड और उनके एफपीओ अमृत जैविक को वर्ष 2019 में हरियाणा अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इतना ही नहीं अभी हाल में ही सरकार की तरफ से लाखों रुपए की सहायता भी की गई है। प्रगतिशील किसान राजेश कुमार ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से पहली बार किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरुक करने के उदेश्य से प्रदेश स्तरीय कृषि कार्यशाला का आयोजन किया गया है। सरकार के यह प्रयास निश्चित ही रंग लाएंगे और प्राकृतिक खेती अपनाने के प्रति समाज में एक क्रांति को जन्म देंगे।

उन्होंने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती के जरिए शहद, गुड़-शक्कर, सरसों का तेल, सब्जियां और अन्य उत्पाद तैयार कर रहे है। इसके साथ ही अमृत जैविक एफपीओ के साथ 650 किसानों को जोडऩे का प्रयास किया गया है। इन किसानों में 140 किसान ऐसे है, जिन्होंने जैविक व प्राकृतिक खेती को अपनाया है। इस खेती के लिए किसानों को सिर्फ मेहनत करनी होगी। इस मेहनत से किसानों को अच्छी आय के साथ-साथ समाज को जहर युक्त उत्पादों से मुक्ति दिलाने का एक अनोखा कार्य किया जाएगा।

उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि प्राकृतिक और जैविक खेती को अपनाकर किसान अपनी आय को दौगुना कर सकते है तथा नागरिकों की सेहत को तंदरुस्त रखने में मदद कर सकते है। किसानों को सरकार के प्रयासों को सफल बनाने के लिए जल्द से जल्द से प्राकृतिक खेती को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। इस प्राकृतिक खेती के माध्यम से किसान कम लागत में अधिक मुनाफा भी कमा सकेंगे।

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